धूम्रपान करना सेहत के लिए बहुत ही खराब होता है। यह उस व्यक्ति के साथ दूसरों पर भी अपना दुष्प्रभाव डालता है जो इसका सेवन नहीं करते है। असल में सिगरेट का धुआं लंबे समय तक हवा में मौजूद रहता है। ऐसे में यह सभी की सेहत को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में सभी को इसे छोड़ने के लिए आज यानी 31 मई को पूरे विश्व द्वारा 'तंबाकू निषेध दिवस' के रूप में मनाया जाता है। ताकि लोगों को इसके दुष्प्रभावों के बारे में पता चले और वे इसका सेवन करना बंद कर सके। बात अगर बच्चों की करें तो वो बड़ों के मुकाबले ज्यादा तेजी से सांस लेते है। ऐसे में सिगरेट का धुआं उनकी सेहत पर गहरा और हानिकारक असर डालता है। उसके धुएं मात्र से बच्चों को सांस से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते है उन समस्याओं के बारे में...
फेफड़े होते है खराब
बच्चे बड़ों के मुकाबले ज्यादा तेजी से सांस लेते है। ऐसे में उनके फेफड़े में अधिक धुआं जाता है। जिन घरों के लोगों को सिगरेट या बीड़ी पीने की आदत होती है। उनके बच्चे इसके धुएं में ही सांस लेते हुए बड़े होते हैं। साथ ही उमके फेफड़ें जल्दी खराब होने के चांचिस होते है।
इम्यून सिस्टम होता है कमजोर
गर्भाव्यस्था के दौरान सिगरेट पीना मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक होता है। ऐसे में बच्चे की ग्रोथ सही ढंग से नहीं हो पाती है, जिसके कारण बच्चा कम वजन में पैदा होता है। इन बच्चों का इम्यून सिस्टम दूसरे बच्चों के मुकाबले कमजोर होता है। ऐसे में इनकी बीमारियों से लड़ने की शक्ति बहुत ही कम होती है। साथ ही वे जल्दी ही बीमारियों की चपेट में आते है। इसके अलावा ये बच्चे दिमागी लकवे के शिकार हो सकते है।
अस्थमा की हो सकती है शिकायत
घर के अंदर सिगरेट या बीड़ी पीने से उसका धुंआ पूरे घर पर काफी समय तक फैलता रहता है। यह धुआं हवा में मिक्स होकर सारे वातावरण को दूषित कर देता है। यह धुआं उनकी सांस लेने की प्रक्रिया पर बुरा प्रभाव डालता है, जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बहुत से बच्चे को अस्थमा की की शिकायत हो सकती है। साथ ही जो पहले से ही इस बीमारी से जुझ रहें हो उनको सांस लेने में और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा उन्हें अनियंत्रित दौरे पड़ सकते है।
बच्चे के विकास में आती है रूकावट
बच्चों के सामने सिगरेट पीने से उनके सेहत पर बुरा असर पड़ता है। उनले धुएं के कारण बच्चों के विकास में बांधा आती है। उनका वजन और हाइट दोनों ही अच्छे से ग्रो नहीं कर पाते है। कई बच्चों को सुनने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
लाइफस्टाइल से जुड़ी लेटेस्ट खबरों के लिए डाउनलोड करें NARI APP