25 APRTHURSDAY2024 11:20:36 AM
Nari

Taj Mahal A Mistry: एक नहीं 4 बेगमों का मकबरा, यहां पढ़ें 'प्यार की निशानी' के अनसुने किस्से

  • Edited By neetu,
  • Updated: 23 Sep, 2021 05:27 PM
Taj Mahal A Mistry: एक नहीं 4 बेगमों का मकबरा, यहां पढ़ें 'प्यार की निशानी' के अनसुने किस्से

ताजमहल प्यार का प्रतीक माना जाता है। यह आगरा में स्थित एक बेहद ही आकर्षित इमारत है। इसकी खूबसूरती के चलते इसे 1983  विश्व के सात अजूबों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि इस शाहजहां के शासनकाल में वास्तुकला का पुनर्जागरण हुआ है। खूबसूरती के साथ ताजमहल से कई रोचक तथ्य भी जुड़े हैं। चलिए आज हम आपको ताजमहल से जुड़े कुछ खास बातें बताते हैं...

PunjabKesari

1632 में शुरू हुआ निर्माण काल

शाहजहां ने इस इमारत को बनवाने के लिए 1631 में घोषणा की थी। मगर इसका निर्माण 1632 में शुरू हुआ था।

PunjabKesari

ताजमहल में 4 बेगमों का मकबरा

ताजमहल को शाहजहां और मुमताज के प्यार का प्रतीक माना जाता है। मगर इसमें केवल मुमताज नहीं बल्कि शाजहां की तीन अन्य बेगमों के भी खूबसूरत मकबरे बने हुए है। मगर इन जगहों पर पर्यटकों को जाने की मनाही है। बता दें, ताज पूर्वी गेट के बायीं ओर अकबराबादी महल बेगम का मकबरा है। कहा जाता है कि उनका असली नाम इजुन्निसा बेगम था। ताज पश्चिमी गेट से दायीं ओर फतेहपुरी महल बेगम का मकबरा बना हुआ है। इसके अलावा ताज पूर्वी गेट से दशहरा घाट की ओर जाने वाले रास्ते पर संदली मस्जिद के बराबर में शाहजहां की तीसरी बेगम कंधारी बेगम का मकबरा है। साथ ही मुमताज महल शाजहां की चौथी बेगम थी।

PunjabKesari

कुतुबमीनार की तुलना में ताजमहल की लंबाई अधिक

दिल्ली में स्थित कुतुबमीनार दुनिया की सबसे इमारतों में से एक आता है। मगर क्या आप जानते हैं ताजमहल की लंबाई कुतुबमीनार की तुलना में अधिक है। कहा जाता है कि ताजमहल की लंबाई करीब 5 फीट ऊंची है।

PunjabKesari

नहीं कटे थे कारीगर के हाथ

ताजमहल बनाने में करीब 22 हजार कारीगर लगे थे। साथ ही कहा गया था कि इसके निर्माण के बाद कारीगर उस्ताद अहमद लौहारी के हाथ काट दिए गए थे। मगर यह बात गलत है। इसके बाद कारीगरों के हाथ नहीं काटें गए थे बल्कि उन्हें इसके निर्माण के कारण सम्मानित किया गया था।

PunjabKesari

ताजमहल बनाने में लगी थी 32 मिलियन लागत

उस दौरान ताजमहल बनने में करीब 32 मिलियन की लागत लगी थी। आज के समय में उसकी कीमत करीब 1 बिलियन डॉलर है।

PunjabKesari

संगमरमर के पत्थरों से तैयार

ताजमहल को बनाने में संगमरमर के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था। साथ ही इसे बनाने में 17 से 22 साल लगे थे। इसकी वास्तुकला देखने वाली है।

PunjabKesari

हाथियों का बड़ा योगदान

इसे बनाने में हाथियों का भी बड़ा योगदान माना गया है। कहा जाता है कि ताजमहल बनाते समय करीब 1,000 हाथियों द्वारा माल ढुलाई करवाई गई थी।

PunjabKesari


अन्य देशों से मंगवाएं गए पत्थर

बता दें, इस खूबसूरत ताजमहल को बनवाने के लिए तिब्बत, चीन, श्रीलंका समेत भारत के अन्य हिस्सों से बहुमूल्यी पत्थर मंगवाए गए थे। सफेद संगमरमर के पत्थर खासतौर पर भारत के राजस्थान से आए थे।

 

 

Related News