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Bollywood में आसानी से नहीं मिली Khan Family को जगह, भाई की कही बात से Salim Khan ने लिया था एक बड़ा फैसला

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 19 Dec, 2021 05:44 PM
Bollywood में आसानी से नहीं मिली Khan Family को जगह, भाई की कही बात से Salim Khan ने लिया था एक बड़ा फैसला

बॉलीवुड में बहुत से स्टार्स ऐसे हैं, जिन्होंने इंडस्ट्री में एक मुकाम हासिल करने के लिए जी तोड़ मेहनत की। उन्हें थाली में परोसा कुछ भी नहीं मिला। इस मुकाम के लिए उन्होंने  बहुत से बुरे दिनों का भी सामना किया और उन्हीं में से एक नाम है बॉलीवुड के महान लेखक सलीम खान का। सलीम खान ने इस मुकाम को हासिल करने से पहले बहुत से बुरे दिन और संघर्ष भरी रातें काटी। चलिए इस पैकेज में आज उन्हीं के संघर्ष के दिनों की स्टोरी आपको सुनाते हैं।

 

सलीम खान का जन्म मध्यप्रदेश के इंदौर में 24 नवंबर सन 1935 में हुआ था, उस समय ब्रिटिश हकुमत थी और उस हकुमत में ही उनके पिता एक पुलिस ऑफिसर थे। सलीम खान को अपनी मां का प्यार नहीं मिल पाया। वह बहुत छोटे थे जब उनकी मां का देहांत हो गया था। जब वह जिंदा थी तो तब भी सलीम अपनी मां से दूर ही रहे। उनकी मां टीबी रोग से पीड़ित थी। इस बीमारी के चलते ही सलीम खान को उनकी मां से दूर रखा जाता था। उन्हें मां से मिलने की इजाजत नहीं थी। मां से जुड़ी कुछ धुंधली यादें और दर्द उनके जहन में हमेशा ही रहा है।

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सलीम अच्छे परिवार से ताल्लुक रखते थे। वह कॉलेज के दिनों में क्रिकेट भी खेलते थे और कार ड्राइविंग का शौक भी रखते थे। शुरू से ही वह एक हैंडसम लड़के रहें और शानदार पर्सनेलिटी के चलते हर कोई उनकी तरफ अट्रैक्ट हो जाता था हालांकि सलीम खान का एक्टिंग से कुछ लेना देना नहीं था लेकिन किस्मत उन्हें एक्टिंग के दरवाजे तक भी ले गई। एक शादी के दौरान मशहूर डायरेक्टर के. अमरनाथ ने उन्हें देखा था और उनसे कहा था कि तुम एक हैंडसम नौजवान हो। मुंबई में एक्टिंग क्यों नहीं ट्राई करते? उन्होंने सलीम खान को अपनी फिल्म में एक्टर का रोल ऑफर किया था। पहले तो वह थोड़ा हैरान हो गए लेकिन जब उन्हें पता चला कि वह उन्हें 400 रु. महीना सेलेरी देने को भी तैयार है और उन्हें एक्टिंग अपने आप में एक अलग चीज है तो उन्होंने मुंबई जाने का फैसला कर लिया।

 

जब वह मुंबई स्टेशन पर पहुंचे तो उनके साथ एक ऐसा वाक्या हुआ कि उसके बाद उन्होंने मन बना लिया कि वह नाकाम होकर घर नही आएंगे। उनके भाई ने सलीम साहब से कहा था कि वहां जा तो रहे हो मुंबई लेकिन वहां जाकर बार-बार खत्त ना लिखना कि मेरे पास पैसे खत्म हो गए हैं, मुझे वापिस बुला लो या मुझे पैसे भेज दो। जब यह बात सलीम खान के कानों में पड़ी तो उन्होंने उसी समय यह फैसला कर लिया कि वह कुछ करके ही दिखाएंगे। ऐसे वापिस नहीं लौटेंगे।

 

शुरुआत के कुछ साल तो सलीम खान एक गेस्ट हाउस में रहे और करीब 7 साल उन्होंने छोटे मोटे रोल किए। फिल्म तीसरी मंजिल, सरहदी लुटैरा दीवाना में इनके किरदार को लोगों ने पसंद जरूर किया लेकिन यह कुछ ज्यादा काम नहीं कर पाए। 60वां दशक बीतता जा रहा था और सलीम खान असफलता के पायदान पर थे। वक्त ऐसा भी था जब वह महान अभिनेता अजीत साहेब के पास भी रहे थे।

 

लगातार मिलती असफलता के बाद सलीम खान ने फैसला किया कि वह एक्टर के तौर पर नहीं बल्कि राइटर बनकर काम करेंगे। वह उस समय यह नहीं जानते थे कि उनकी जोड़ी जावेद अख्तर साहब के साथ बनेगी और सलीम-जावेद इतिहास रच देंगे। तकरीबन 12 साल तक दोनों ने एक साथ काम किया। इसी बीच इन्होंने एक से बढ़ कर एक फिल्में इंडस्ट्री को दी। यादों की बारात, जंजीर, हाथ की सफाई, दीवार, शोले, क्रांति, मिस्टर इंडिया आदि। इन फिल्मों के जरिए सलीम-जावेद ने ना बल्कि खुद नाम और शोहरत कमाई बल्कि दूसरे राइटर्स को भी ये शोहरत दिलवाई। दरअसल इससे पहले राइटर का नाम ना तो स्क्रीन पर आते थे ना ही पोस्टर पर। सलीम-जावेद ने ही अपने नाम स्क्रीन और पोस्टर पर लिखवाने की शुरुआत की थी।

हालांकि सन 1982 में यह जोड़ी टूट गई। दोनों की राहें अलग हो गई। जब भी पूछा गया कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो दोनों की राहें अलग हो गई तो यहीं बात सामने आई कि हर चीज की एक एक्सपाइरी डेट होती है और इनकी पार्टनरशिप की भी एक एक्सपाइरी डेट थी। हालांकि ये बात भी सामने आई कि सलीम खान ये जोड़ी तोड़ना नहीं चाहते थे लेकिन जावेद-अख्तर कुछ अलग करना चाहते थे। जावेद साहब से अलग होने के बाद सलीम साहब फिल्मों में काम करना नहीं चाहते थे लेकिन लोगों ने उनसे इतने सवाल पूछ लिए कि उन्हें इनका जवाब तो देना था।

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अक्सर उनसे सवाल पूछा जाता था कि सलीम और जावेद साहेब में लिखता कौन है? तो उन्होंने जवाब दिया कि लिखने से अगर कोई राइटर बन जाता हो तो पोस्ट ऑफिस के बाहर जो आदमी बैठता है और चिट्ठियां लिखता है वो भी राइटर ही बन जाता क्योंकि वह भी लिखता है और एक तरह से वो राइटर हुआ। इन सबका जवाब दिया सलीम साहब ने फिल्म नाम लिखकर। इस फिल्म में नूतन, संजे दत्त और कुमार गौरव थे जिनका किरदार ही बड़ा जबरदस्त रहा। इसके बाद भी सलीम खान ने बहुत सी फिल्में लिखीं। सलीम खान ने इंडस्ट्री को एक बहुत बड़ा सुपरस्टार भी दिया जिसका नाम सलमान खान है। सलमान खान, सलीम खान के बड़े बेटे हैं।

 

उनकी पर्सनल लाइफ की बात करें तो सलीम खान ने, महाराष्ट्रन महिला सुशीला चरक से शादी की और बाद में उनका नाम बदल कर सलमा खान रखा गया। इस शादी से उन्हें 4 बच्चे हुए। बेटे सलमान, अरबाज, सोहेल और बेटी अलविरा खान। फिल्मी दुनिया मे काम करते हुए सलीम खान का अफेयर बॉलीवुड की मशहूर डांसर हेलेन से हो गया। सलीम खान, हेलेन से प्यार करते थे लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि अगर उनकी बीवी की मर्जी नहीं होगी तो वह एक दूसरे से दूर हो जाएंगे। पहले पहल इस बात को लेकर घर में काफी हंगामा हुआ। बेटों को यह कतई मंजूर नहीं था कि उनके पिता उनकी मां के होते किसी दूसरी महिला से शादी करें लेकिन बाद में सलमा के समझाने पर ही बच्चे मान गए फिर हेलेन के साथ उनकी शादी हुई। आज सलमान और उनके भाई बहन अपनी दूसरी मां हेलेन पर भी जान छिड़कते हैं, यह वो संस्कार थे जो उनकी मां सलमा ने अपने बच्चों को दिए। हेलेन और सलीम खान ने शादी के कुछ साल बाद एक बच्ची को गोद लिया जिसका नाम अर्पिता खान रखा गया। आज अर्पिता शादीशुदा है और अर्पिता खान शर्मा हो गई हैं। सलीम खान अपने बच्चों के करियर और काम को लेकर भी उन्हें अडवाइस देते हैं और उनके बच्चे भी पिता की कोई बात नहीं टालते दिखते। इस इंडस्ट्री को सलीम खान ने बहुत सी  फिल्में दी जिन्होंने उनका नाम इंडस्ट्री में हमेशा के लिए अमर कर दिया है।

 

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