कंगना रनौत आए दिन अपने विवादित बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर सुर्खियां में बनी रहती हैं। अभी यह मामला ठंडा नहीं हुआ था कि कंगना ने एक और पंगा ले डाला। दरअसल, हाल में उन्होंने राष्ट्रपति महात्मा गांधी को लेकर दिए विवादित बयान दिया जिसे लेकर बवाल मच गया है। उन्होंने कहा कि सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह को महात्मा गांधी से कोई समर्थन नहीं मिला।
महात्मा गांधी पर कंगना का विवादित बयान
अभिनेत्री ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी सेक्शन पर एक पुराने अखबार के लेख को साझा की, जिसकी हेडलाइन थी, 'गांधी, अन्य नेताजी को सौंपने के लिए सहमत हुए थे।' बता दें कि यह अखबार कटिंग 1940 के दशक की है। खबर में दावा किया गया है कि गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना की एक ब्रिटिश न्यायाधीश के साथ सहमति बनी थी। अगर बोस देश में प्रवेश करते हैं तो वे उन्हें सौंप देंगे। कंगना ने कहा, “या तो आप गांधी के प्रशंसक हैं या नेताजी के समर्थक हैं। आप दोनों नहीं हो सकते हैं, चुनें और निर्णय लें।"
'दूसरा गाल देने से भीख मिलती है, आजादी नहीं'
महात्मा गांधी पर तंज कसते हुए उन्होंने आगे लिखा, "ये वही हैं जिन्होंने हमें सिखाया कि अगर कोई एक थप्पड़ मारे तो आप एक और थप्पड़ के लिए दूसरा गाल आगे कर दें और इस तरह आपको आजादी मिलेगी। इस तरह से किसी को आजादी नहीं मिलती, ऐसे भीख ही मिल सकती है। अपने नायकों को बुद्धिमानी से चुनें।"
उन्होंने आगे कहा, "तो आपको यह चुनने की जरूरत है कि आप किसका समर्थन करते हैं क्योंकि उन सभी को अपनी स्मृति के एक बॉक्स में रखना और हर साल उन सभी को उनकी जयंती पर बधाई देना पर्याप्त नहीं है। वास्तव में, यह केवल गूंगा नहीं है, यह अत्यधिक गैर-जिम्मेदार और सतही है। उनके इतिहास और उनके नायकों को जानना चाहिए।"
गांधी के पड़पोते का कंगना रनौत पर निशाना
वहीं, कंगना के इस बयान पर गांधी जी के पड़पोते तुषार गांधी ने हमला बोलते हुए कहा," कंगना रनौत लाइमलाइट में रहने के लिए उल-जुलूल बातें करती हैं। मुझे नहीं लगता है कि इस पर हमें कुछ कमेंट करना चाहिए। हम उसे बड़ा नहीं बनाना चाहते..नो कमेंट।'
गौरतलब है कि हाल ही में उनकी देश की आजादी पर "भीख" वाली टिप्पणी ने राष्ट्र की सामूहिक भावना को भड़का दिया है। पिछले हफ्ते मणिकर्णिका अभिनेत्री ने कहा कि 1947 में भारत को जो आजादी मिली वह भीख थी और देश को असली आजादी 2014 के बाद मिली जब पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार सत्ता में आई। कंगना ने कहा था कि अगर कोई उन्हें गलत साबित कर सकता है तो वह अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा देंगी।