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सीढ़ी की गलत दिशा बना सकती है दुर्भाग्य का कारण, जानें क्या कहता है वास्तु शास्त्र

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 27 Jul, 2025 06:15 PM
सीढ़ी की गलत दिशा बना सकती है दुर्भाग्य का कारण, जानें क्या कहता है वास्तु शास्त्र

नारी डेस्क: अक्सर लोग घर बनवाते समय शयनकक्ष, रसोई, पूजा घर जैसे मुख्य कमरों के वास्तु पर ध्यान देते हैं लेकिन सीढ़ियों से जुड़ी वास्तु गड़बड़ियों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। यही छोटी-छोटी गलतियां घर की सुख-शांति में बाधा बन सकती हैं। चाहे आपका घर एक मंज़िला हो या बहुमंज़िला, सीढ़ियाँ हर भवन का एक अहम हिस्सा होती हैं। नीचे बताए गए वास्तु नियमों का पालन करके आप घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रख सकते हैं।

सीढ़ियों की दिशा कैसी हो?

ईशान कोण (पूर्व-उत्तर): में सीढ़ियां बिलकुल न बनाएं, यह वास्तु दोष देता है।
नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम): में सीढ़ियां बनाना सबसे शुभ माना जाता है। इस दिशा में भारी वजन या ऊँचाई अच्छा फल देता है।
यदि नैऋत्य कोण संभव न हो तो वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) में सीढ़ियां बनाना एक विकल्प हो सकता है, लेकिन ध्यान रखें कि सीढ़ियां पूर्वी या उत्तरी दीवार को स्पर्श न करें।

सीढ़ियों की संख्या कैसी हो?

सीढ़ियों की संख्या हमेशा विषम (odd numbers) में होनी चाहिए, जैसे 5, 7, 9, 11, 15, 17, या 21। कभी भी सम संख्या (even numbers) में सीढ़ियां न बनवाएं। इससे घर में अशांति व मानसिक तनाव बढ़ सकता है।

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सीढ़ियां चढ़ते और उतरते समय दिशा का ध्यान रखें

जब व्यक्ति सीढ़ी चढ़ रहा हो, तो मध्य बिंदु तक उसका मुख पश्चिम या दक्षिण की ओर होना चाहिए। मध्य बिंदु के बाद, उत्तर या पूर्व की ओर मुड़ना शुभ माना जाता है। सीढ़ियां उतरते समय, अंत तक व्यक्ति उत्तराभिमुख या पूर्वामुख होना चाहिए।

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सीढ़ियों के सामने क्या होना चाहिए?

सीढ़ी उतरते समय, सामने ईष्ट देवता की तस्वीर या कोई शुभ यंत्र होना चाहिए, ताकि उतरते समय आपकी नजर उस पर पड़े और सकारात्मकता बनी रहे।

दीवार को स्पर्श करने से बचें: उत्तर या पूर्व की दीवार को सीढ़ियां स्पर्श न करें, इससे घर में नेगेटिव ऊर्जा आ सकती है।
गोल सीढ़ियों से बचें: गोलाईदार या भवन को लपेटती हुई सीढ़ियां अशुभ मानी जाती हैं, इसलिए इससे परहेज करें।
मजबूत दरवाजे लगवाएं: सीढ़ियों के प्रारंभ और अंत, दोनों स्थानों पर मजबूत दरवाजे लगवाएं। नीचे का दरवाज़ा ऊपर वाले दरवाज़े से बड़ा या उसके बराबर आकार का होना चाहिए।
मुड़ने की दिशा कैसी हो: जब आप सीढ़ियां चढ़ रहे हों, तो उनका दाईं ओर मुड़ना शुभ होता है।

सीढ़ियों की स्थिति कहां न हो?

सीढ़ियां कभी भी प्रवेश द्वार के ठीक सामने, घर के मध्य में, या घर में प्रवेश करते ही सामने चढ़ती हुई नहीं दिखनी चाहिए। ऐसी स्थिति में तनाव बढ़ने की संभावना रहती है। यदि ऐसी सीढ़ियां पहले से बनी हों तो सीढ़ियों के दोनों ओर फूलों के गमले रखना शुभ माना जाता है।

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त्रिकोण आकार की सीढ़ियों से बचें: सीढ़ियों की शुरुआत कभी भी त्रिकोण (Triangle) आकार की सीढ़ी से न करें, यह वास्तु में दोषपूर्ण मानी जाती है।

सीढ़ियों के नीचे क्या बनवाएं?

शयनकक्ष, बैठक, पूजा घर या शौचालय कभी भी सीढ़ियों के नीचे न बनवाएं। आप सीढ़ियों के नीचे स्टोर रूम या गोदाम बना सकते हैं।

इन आसान और व्यावहारिक वास्तु टिप्स को अपनाकर आप अपने घर में सुख-शांति बनाए रख सकते हैं और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। सीढ़ियों को हल्के में न लें, क्योंकि सही दिशा और संरचना से ही वास्तु दोष दूर होता है।
 

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