भारत के पहले होटल आर्ट फेयर आर्टिक्स ने देश की कला और संस्कृति प्रदर्शन का आयोजन किया है। यह प्रदर्शनी 3 दिन तक चली जिसमें कला और संस्कति की नई-नई चीजों ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। 27 अगस्त तक चले इस कार्यक्रम में वैश्विस स्तर पर कला की ऐसी कई चीजें पेश की जो संस्कृति और सौंदर्य को दर्शाती हैं। यह प्रदर्शनी दिल्ली के शानदार ताज महल पैलेस की दूसरी मंजिल पर होस्ट की गई । 43 कमरों को कला के ऐसे अलग अंदाज में बदल गया जिसे देख सब हैरान रह गए। हर मंजिल के हर कमरे को बहुत ही अच्छी तरह से सैलून, गैलरीज और कई सारी नई चीजों में बदला गया। यहां दिखाई गई हर चीज भारतीय और अंतराष्ट्रीय कृत्तियों, टेपेस्ट्री कला और मॉर्डन आर्ट को प्रदर्शित करती हैं।
गैलेरीज में दिखाई गई कई चीजें
प्रदर्शनी में लगाई गई गैलरीज में धूममील आर्ट गैलरी, कल्टीवेट आर्ट, आनंत आर्ट गैलरी समेत कई फेमस गैलरीज का प्रदर्शन किया गया। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका के दो अंतराष्ट्रीय कलाकारों और तीन प्राइवेट संग्रहकर्ताओं प्रिया पॉल, लेखा पोद्दा और सलोनी दोषी ने 10 आर्टिक्स प्रदर्शनी में राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय कलाकारों को प्रदर्शित किया।मालविका पोद्दार, पायल कपूर और टिम्सी आनंद के नेतृत्व में आर्टिक्स कला प्रेमियों के एकजुट करने की प्रेरणा देते हैं। इस प्रदर्शनी का आगे आयोजन, हैदराबाद, मुंबई, बैंगलोर, कोलकाता जैसी जगह पर किया जाएगा।
को फाउंडर पायल
आर्टिक्स की को फाउंडर पायल ने प्रदर्शनी के बारे में बात करते हुए बताया कि आर्टिक्स असल में एक अलग कॉन्सेप्ट पेश करता है, पारंपरिक ट्रेड शो के अलावा जहां लोगों को बड़े हॉलवे के जरिए लाया जाता है। एक होटल में वह कई तरह की चीजें देख सकते हैं बाहर घूम सकते हैं एक दूसरे के साथ घुल मिल सकते हैं, यहां तक कि ब्रेक भी ले सकते हैं और पुल के चारों और बैठकर बात कर सकते हैं।
मालविका पोद्दार जो कि प्रदर्शन की को फाउंडर थी उन्होंने कहा कि जैसा कि भारत आर्टिक्स के उद्घाटन संस्करण को गले लगा रहा है यह इस फील्ड में आने वाले लोगों के लिए एक नया अवसर है। इस प्रदर्शनी में कपड़ों से लेकर आभूषणों तक कला की एक समृद्ध विरासत शामिल है जिसका उद्देश्य आने वाली नई पीढ़ी के लोगों को नई-नई चीजें सिखाना है। आर्टिक्स के जरिए हम कला को लोगों तक लाने का प्रयास करते हैं। हमारी नजर कई जगहों में है। पूरे भारत में इस नई संस्कृति का उत्सव पैदा करना ही हमारा मक्सद है।
टीम्सी आनंद ने कहा कि कला बहुत ही व्यक्तिगत है और इसलिए इसके साथ किसी का संबंध अतरंग और अपनी शर्तों पर होना चाहिए। मेरे विचार में आर्टिक्स आत्म अभिव्यक्ति का एक ऐसा कैनवस है जो कल्पना बाधाओं और पंरपरा से जुड़ा है। मैं आर्टिक्स को हर किसी के कैलेंडर में नई जगह बनाने की कल्पना करती हूं।
अपने पहले सीजन में इस प्रदर्शनी ने एक मजबूत नेटवर्क बनाया है। डीएलएफ एम्पारियो एंड द चाणक्य (DLF Empario And The Chanakya), अलोक लोड़ा ज्वेल्स, अर्चना अग्रवाल, नियाय बाय श्रद्धा, हेरामनेक एंड संस, डायकोलर, आभा डालमिया, जानवी और तारिना ने इस प्रदर्शनी में अपना पूरा साथ दिया है।