25 NOVMONDAY2024 12:40:24 PM
Nari

अफगानिस्तान में दोगुने हुए बुर्के के दाम, जींस पहनने पर बंदूक की नोंक पर करते है पिटाई

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 28 Aug, 2021 05:56 PM
अफगानिस्तान में दोगुने हुए बुर्के के दाम, जींस पहनने पर बंदूक की नोंक पर करते है पिटाई

तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में सबसे ज्यादा उत्पीड़न की शिकार वहां की महिलाएं हो रही है। बता दें कि पिछले 20 वर्षों से अफगान में जिंदगी बेहतर होने लगी थी वहां पर महिलाओं को खुली आजादी मिलनी शुरू हो गई थी उन्हें पढ़ाई से लेकर नौकरी करने तक की छूट दे दी गई थी यहां तक महिलाएं अपनी मर्जी के अनुसार कपड़े भी पहन सकती थी लेकिन जब से तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा हुआ है तब  से वहां की महिलाओं की जिदंगी बदतर हो गई है। तालिबानी लड़ाकों के खौफ के चलते महिलाएं नौकरी करना तो दूर अब वह अपने घरों में बंद होकर रह गई है। 

PunjabKesari

पिछले 20 सालों से अफगान में केवल आम जनजीवन में ही सुधरा नहीं आया था बल्कि लड़कियां पढ़ने को जाने लगीं थीं और पहनावे के रूप में जींस का चलन भी बढ़ गया था। लेकिन अब जींस पहने लोगों की तालिबान पिटाई करने लगे हैं और बुर्के की बाध्यता के चलते उसके दाम दोगुना हो गए है। 

अफगानी कपड़े न पहननने पर लड़ाकों ने की थी पत्रकार की पिटाई 
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में बुर्के की बिक्री तेजी से बढ़ गई है और इसके दाम भी दोगुने हो चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एक हफ्ते पहले स्थानीय अखबार ने बताया था कि उसके एक पत्रकार की पिटाई की गई क्योंकि उसने अफगानी कपड़े नहीं पहने थे।

PunjabKesari

जींस पहनने को इस्लाम का अपमान मानते है तालिबानी, बंदूक की नोंक पर करते है पिटाई 
बता दें कि 90 के दशक में तालिबानी शासन के दौरान पुरुषों के लिए पारंपरिक कपड़े जबकि महिलाओं और आठ साल तक की बच्चियों के लिए बुर्का पहनना अनिवार्य था। जींस को पश्चिमी सभ्यता का पहनावा मानकर तालिबान लड़ाके उसे न पहनने के लिए मारपीट और कड़ी सजा देते थे। इस पर कई युवा अफगानों ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया है। जिसमें से एक ने कहा कि  जींस पहनने को इस्लाम का अपमान मानने के आरोप में उनकी बंदूक की नोंक पर पिटाई की गई।

 PunjabKesari

खुद लड़ाके पहन रहे है चश्मे, टोपी, बूट 
तालिबान के एक लड़ाके ने स्थानीय अखबार को बताया कि हम पुरुषों के लिए भी ड्रेस कोड पर चर्चा की जा रही हैं। हालांकि एक रिपोर्ट का दावा है कि तालिबान पश्चिमी सभ्यता के कपड़ों को मान्यता नहीं देगा। वहीं दूसरी तरफ अफगानिसन से आए फोटो और वीडियो में लड़ाकों को चश्मे, टोपी, बूट जैसे पश्चिमी पहनावे में देखा जा रहा है।

PunjabKesari

बता दें कि तालिबान के अफगान पर कब्जा करते ही वहां के स्थानीय लोग अपना देश छोड़ रहे हैं। अब तक लाखों लोग अन्य देशों में शरण  ले चुके हैं। वहीं तालिबान के प्रवक्ता ने साफ तौर पर कह दिया है कि अब अफगान में लोकतंत्र नहीं ब्लकि शरिया कानून के हिसाब से सरकार चलाई जाएगी। 

Related News