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कैंसर का कारण बन सकते हैं सैनेटरी पैड्स, अपनी स्किन के हिसाब से करें चूज

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 26 Feb, 2021 01:48 PM
कैंसर का कारण बन सकते हैं सैनेटरी पैड्स, अपनी स्किन के हिसाब से करें चूज

पीरियड्स के दौरान कई बार लड़कियों को प्राइवेट पार्ट में रैशेज, लाल चकत्ते जैसी दिक्कतें होने लगती है। वैजाइना शरीर का सबसे नाजुक अंग है इसलिए इसकी सही देखभाल बहुत जरूरी है , खासकर पीरियड्स के दौरान। इस दौरान गलत पैड्स भी आपको स्किन रैशेज, लालपन , इरिटेशन यहां तक कि यूटीआई, वैजाइना इंफेक्शन, कैंसर भी दे सकता है। ऐसे में आपको सिर्फ ब्लीडिंग ही नहीं बल्कि स्किन के हिसाब से भी सही पैड्स का चुनाव करना बहुत जरूरी है।

सैनिटेशन का चुनें सही तरीका

हर लड़की को इस दौरान अलग-अलग मात्रा में ब्लीडिंग होती है जिसके हिसाब से सैनटरी नेपकिन का चुनाव बहुत जरूरी है। कुछ महिलाओं को शुरूआत में तेज फ्लो तो कुछ को बाद में हैवी ब्लीडिंग होती है। ऐसे में आप लॉन्ग व एक्सट्रा एब्जॉर्पशन वाला और कम फ्लो के दिनों में सामान्य नैपकिन यूज करें।

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स्किन के हिसाब से करें सैनिटरी पैड का चयन

. हर औरत की स्किन सेंसटिव होती है, खासकर प्राइवेट पार्ट वाले एरिया की। सैनेटरी नेपकिन कॉटन या पीवीसी मेश मटीरियल से बने होते हैं। मगर, कुछ महिलाओं को सॉफ्ट टच तो कुछ को नेटेड लेयर मटीरियल सूट करता है। ऐसे में आप वही सैनिटरी नैपकिन चुनें जो ब्रीदेबल और आपकी स्किन पर सूट करने वाला हो।

. सैनिटरी पैड्स को 2 हिस्सों में बांटा जाता है- डे व नाइट पैड्स। डे पैड्स 17-25 सेंटीमीटर लंबे होते हैं जबकि नाइट पैड्स 35 सेंटीमीटर लंबे होते हैं। पैड्स जितने लंबे होंगे वो नमी सोखने में भी उतने ही सही होंगे।

. पीरियड्स के लिए ऐसे पैड्स का चुना करें जो ज्यादा से ज्यादा नमी सोख सके। इससे हैवी फ्लो में भी लीकेज की संभावना नहीं होगी।

अब जान लें सफाई के तरीके भी...
वैजाइना रीजन

पीरियड्स में अक्सर खून वैजाइना रीजन में इकट्ठा हो जाता है जो इंफेक्शन का कारण बन सकता है। ऐसे में नेपकिन बदलते समय जेनिटल्स को धोना ना भूलें। चाहें तो इसे टिश्यू या टॉयलेट पेपर से साफ कर लें।

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क्लीनिंग मेकैनिज्म

वैजाइना का क्लीनिंग मेकैनिज्म बैड व गुड बैक्टीरिया को बैलेंस करता है लेकिन इसकी सफाई साबुन से ना करें। इससे गुड बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं, जिससे इंफेक्शन का खतरा रहता है। इसकी बजाए आप इंटीमेट वॉश या सिर्फ गुनगुने पानी से बाहरी हिस्से की सफाई करें।

मेडिकेटेड पाउडर का यूज

पीरियड्स में रैशेज लालपन से बचने के लिए आप मेडिकेटेड पाउडर यूज कर सकती हैं लेकिन पहले एक्सपर्ट से सलाह लें। वहीं अगर समस्या बढ़ जाए तो गायनेकोलॉजिस्ट से चेकअप करवाएं।

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नियमित रूप से नहाएं

पुरानी पंरपराओं के मुताबिक, पीरियड्स में नहाने की मनाही होती है जबकि मेडिकल का कहना है कि हाइजीन बनाने के लिए इस दौरान नहाने में कोई बुराई नहीं है। दरअसल, पुराने जमाने में स्त्री नदी, घाट पर स्नान करने के लिए जाया करती थी इसलिए उन्हें इसकी मनाही थी लेकिन आप तो फर्निश्ड बाथरूम का जमाना है इसलिए इन दिनों में अपनी सेहत से समझौता ना करें।

पीरियड रैशेज का इलाज कैसे करें?

वैजाइना का इस्तेमाल करने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। नीम के पानी से प्रभावित एरिया को साफ करने के भी रैशेज की समस्या दूर होगी।

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इसके अलावा पैड रैशेज से बचने के लिए ध्यान रखें कि नेपकिन अधिक समय पर गीला ना करें। साथ ही एक्सपर्ट से सलाह लेकर सोने से पहले और नहाने के बाद वैजाइना एरिया में एंटीसेप्टिक ऑइंटमेंट लगाएं।

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