माना जाता है कि किताबें इंसान की बहुत अच्छी दोस्त होती हैं। इसलिए बहुत से लोग इन्हें अपनी जीवनशेली का हिस्सा मानते हैं। यह जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी मानी जाती हैं क्योंकि यह जीवन के कई सारे सबक व्यक्ति को सिखाती हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो किताबें पढ़कर सुनाने से बच्चों का मानसिक विकास होता है। इसके अलावा भी यह दिमाग को शांत करने में भी मदद करती हैं। आज पूरे विश्व में वर्ल्ड बुक डे मनाया जा रहा है। ऐसे में इस मौके पर आज आपको बताते हैं कि किताबें पढ़कर सुनाने से बच्चों को क्या-क्या फायदे होंगे। आइए जानते हैं इसके बारे में...
दिमाग को बनाती हैं मजबूत
किताबें पढ़ने से बच्चों का मानिसक विकास होता है। कई शोधों में यह बात साबित हुई है कि पढ़ने से मस्तिष्क में सर्किट और संकेतों का एक जटिल नेटवर्क शामिल होता है जैसे-जैसे आप किताबें पढ़ते हैं तो यह क्षमता बेहतर होती है और नेटवर्क भी मजबूत और क्लीयर हो जाते हैं ऐसे में यदि आप चाहते हैं कि आपके बच्चे बड़े होकर समझदार और बुद्धिमान बनें तो उन्हें बुक्स पढ़कर जरुर सुनाएं।
बच्चों की बढ़ेगी एकाग्रता
रोजाना किताबें पढ़ने से बच्चों की एकाग्रता शक्ति बढ़ती है इसके अलावा वह एक अनुशासित डिसिप्लीन में रहना भी सीखते हैं। छोटे बच्चों को किसी चीज में ध्यान लगाने में मुश्किल आती है ऐसे में आप उन्हें नियमित किताबें पढ़कर सुनाएं इससे उनका व्यवहार भी बदलेगा और वह पॉजिटिव भी बनेंगे। किताबों में दिलचस्पी होने के कारण बच्चों की याद्दाश्त मजबूत होती है।
तनाव होता है कम
आजकल के व्यस्त लाइफस्टाइल के कारण कई बच्चे तनाव का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में यदि आप उनका तनाव कम करना चाहते हैं तो उनसे अलग-अलग एक्टिविटीज करवा सकते हैं। किताबें पढ़कर सुनाना या फिर उन्हें किताबें पढ़ने की आदत डालना भी उनमें से एक ही है। इससे बच्चों का दिमाग भटकेगा और उनका तनाव भी थोड़ा कम होने लगेगा।
बढ़ेगी बच्चों में समझ
इसके अलावा बुक्स पढ़ने से बच्चों में समझ भी बढ़ती है। जिस भी विषय में बच्चों का लगाव होता है उसकी किताब पढ़कर उन्हें ज्ञान मिलता है। ऐसे में इससे उनके अंदर खुद के विचार बुनने की क्षमता भी पैदा होने लगती है। जब बच्चे के अंदर नए-नए विचार आएंगे तो इससे वह क्रिएटिव भी बनेंगे।
मजबूत होगी कल्पनाशीलता
छोटे बच्चों में बड़े-बड़े सपने और अपनी कल्पनाओं का अलग इस्तेमाल करने की क्षमता होती है। ऐसे में यदि बच्चे इन्हें पढ़ेंगे तो इससे उनकी कल्पनाशीलता बढ़ती है। बच्चे खुद में अच्छा महसूस करते हैं और उनमें नए-नए शौक पैदा होते हैं।