अंग्रेजी में एक कहावत है, हेल्थ इज़ वेल्थ यानी स्वास्थ्य ही धन है। हम स्वस्थ तभी रहेंगे जब हमारे आस- पास वातावरण साफ रहेगा और इसमें सबसे अहम रोल होता है पेड़ पौधों में। ये हरे-भरे पौधे ना सिर्फ मनुष्य को सुख और सुकून प्रदान करते है बल्कि वायु प्रदूषण के जहर से भी हमें बचाते हैं। घर में पौधे लगाने के कारण मूड, प्रोडक्टिविटी, एकाग्रता और क्रिएटिविटी सभी कुछ बढ़ती है, यही कारण है पिछले कुछ समय से लोग घर में ही सब्जियां उगा रहे हैं। अगर आप भी घर में ऑर्गेनिक फल उगाना चाहते हैं तो आपकाे ऑर्गेनिक तरीके से बीजों को तैयार करने का आसन तरीका बताते हैं।
ड्रैगन की गार्डनिंग
भारत में लोग तेजी से ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं।
इसके लिए आप घर में ही फल से इसके बीज निकालकर रख सकते हैं।
इसके बाद गमले में तैयार की हुई मिट्टी में इन बीजों को भर दें।
मिट्टी भरते समय ध्यान रहे कि, गमला ऊपर से 2-3 इंच खाली हो।
गमले में स्प्रे पंप या वाटर कैन की मदद से पानी दें, पौधे की मिट्टी में तेज धार से पानी न दें क्योंकि बीजों का आकार छोटा होने से बीज मिट्टी के ऊपर या अधिक गहराई में जा सकते हैं।
इस गमले को जहां प्रतिदिन 5 से 6 घंटे की धूप आती हो।
ओवरवाटरिंग, ड्रैगन फ्रूट प्लांट की जड़ों को सड़ा सकता है, इसलिए पौधे की मिट्टी में जरूरत के अनुसार ही पानी दें।
कृष्ण कमल फल की गार्डनिंग
कृष्ण कमल फल अपने अनोखे स्वाद व सुगंध के लिए जाना जाता है।
इस फल में पीले रंग का गूदा तथा काले रंग का बीज होता है।
पैशन फ्रूट को औषधीय गुणों का भंडार कहा जाता है और लोग इसे अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल करते हैं।
अगर आप इसके बीज से पौधा लगाना चाहते हैं तो इसके बीज को पानी में भीगो कर रख दें।
दस दिन बाद इसके अंकुरित निकलने लगेंगे। इसके बाद इसे प्लास्टिक के गमले में उगाने के बजाय मिट्टी के बड़े मुंह वाले गमले में उगाएं।
पौधे में नियमित पानी डालते रहें और घर में बनाए हुए कीटनाशक का प्रयोग करें।
याद रखें कि इसकी बेल को अच्छी धूप चाहिए होती है।
आम की गार्डनिंग
ये बात बहुत कम लोग जानते होंगे कि आम की गुठली की मदद से भी आप पौधा उगा सकते हैं।
इसके लिए सबसे पहले आम के गूदे को अच्छे से साफ कर लें।
इसके अंदर के बीज को सावधानीपूर्वक खोले या काटें।
इस बीज की पतली भूरी परत को छीलकर साफ कर लें।
नारियल की कुछ जटाओं के साथ एक कंटेनर में बीज रखें और पानी छिड़क दें।
10 दिनों में, बीज में एक तरफ से कुछ-एक इंच लंबी जड़ें निकलनी शुरू हो जाएंगी।
फिर इसे एक छोटे गमले में ऐसी जगह रखें जहाँ अच्छी धूप पड़ती हो।
खजूर की गार्डनिंग
खजूर में कई तरह के गुण पाए जाते है, जिसका सेवन करने से मनुष्य में ब्लड प्रेशर, दिल, मनुष्य में कैंसर, पेट और हड्डियों से सम्बंधित बीमारियों का खतरा कम हो जाता है ।
इसका पौधा कम समय में पैदावार देना आरम्भ कर देता है।
पहले खजूर को खोलकर बीच से उनके बीज निकाल लें।
कप या बाउल को ठन्डे पानी से भरें और बीज को इसमें भीगने के लिए डाल दें ।
एक बार बीज की जड़ों में से अंकुर निकल आये तो, उसे बाहर निकालकर गमले में लगा दें!
खजूर की खेती केलिए शुष्क बातावरण और अच्छी सूरज के किरणों की जरूरत होती है।
स्ट्रॉबेरी की गार्डनिंग
स्ट्रॉबेरी को किसी कंटेनर, गमले, पॉट, हैंगिंग पॉट आदि कहीं पर भी आसानी से उगाया जा सकता है।
स्ट्रॉबेरी प्लांट को ज्यादा पानी नहीं लगता, इसलिए गमले में पानी के ड्रेनेज के लिए होल बनाएं और गमले के नीचे एक ट्रे भी रखें।
स्ट्रॉबेरी के पौधे को इंसेक्ट्स से बचाने के लिए चावल या नीम का पानी भी डाल सकते हैं.
स्ट्रॉबेरी के गमले में 50% गोबर की खाद, 50% कोकोपीट और 2 मुट्ठी नीम की खली डालें, जिससे फंगस ना लगे।
अगर कोकोपिट नहीं है तो मिट्टी या रेत का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।