आपने ये तो आपने सुना ही होगा कि पुलिस अक्सर शातिर अपराधियों से जुर्म कबूल करवाने के लिए थर्ड डिग्री का इस्तेमाल करती है, लेकिन भूत, प्रेत को थर्ड डिग्री देने के बारे में आपने शायद ही सुना हो।
भूतों को मिलती है थर्ड डिग्री
राजस्थान के मेंहदीपुर के बालाजी मंदिर में भूत, प्रेत या बुरी आत्मा को किसी व्यक्ति का शरीर छोड़ने के लिए दी जाने वाली यह थर्ड डिग्री किसी तरह का शारीरिक पीड़ा नहीं होकर हनुमान जी के नाम का जयकारा होती है। कहा जाता है कि जिसने भी यहां आकर अपनी अर्जी लगाई वह कभी खाली हाथ नहीं लौटा। मंदिर में बजरंग बली की बालरूप मूर्ति स्वयंभू है। इस मूर्ति के सीने के बाईं ओर एक छोटा से छेद है, जिससे हमेशा पवित्र जल की धारा बहती रहती है। इस जल को भक्तजन चरणामृत के रूप में अपने साथ ले जाते हैं। बालाजी के मंदिर में प्रेतराज सरकार और कोतवाल कप्तान भैरव की मूर्तियां भी हैं।
दिन रात चलता है बालाजी का जयकारा
मंदिर में बड़ी संख्या में भूत, प्रेत और आत्मा की चपेट में आए लोग अजीबोगरीब हरकत करते नजर आते हैं। मंदिर परिसर में दिन-रात बालाजी का जयकारा लगाते हुए इन लोगों का इलाज करते देखा जा सकता है। यह पूरा दृश्य काफी डरावना होता है, मानो किसी मुजरिम को थर्ड डिग्री दी जा रही हो और वह रहम की भीख मांग रहा हो। कई लोग इलाज के वक्त बेहोश तक हो जाते हैं।
इस मंदिर में नहीं चढ़ता प्रसाद
मेंहदीपुर बालाजी धाम इसलिए भी अनोखा है, क्योंकि यहां अन्य मंदिरों की तरह न तो प्रसाद चढ़ाया जाता है और न ही श्रद्धालु किसी तरह का प्रसाद अपने घर ले जा सकते हैं। मंदिर में हाजिरी या दरख्वास्त लगाने के नाम पर पांच रुपये में मिलने वाले छोटे-छोटे लड्डू जरूर चढ़ाए जाते हैं, हालांकि कोई भी श्रद्धालु उन्हें खुद अपने हाथ से किसी मूर्ति पर नहीं चढ़ा सकता।
मंदिर से जुड़ा एक विशेष नियम यह भी है कि यहां से वापसी में अपने साथ खाने-पीने की कोई भी वस्तु घर नहीं ले जा सकते हैं। दरबार से जल या भभूति या कोई और कोई पड़ा हुआ सामान ले जाने का ही नियम है।