10 OCTTHURSDAY2024 6:31:52 AM
Nari

गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है, जाने इसके पीछे की कथा

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 14 Sep, 2024 05:45 PM
गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है, जाने इसके पीछे की कथा

नारी डेस्क: आज हम एक बेहद खास और आनंदमय पर्व के बारे में बात करेंगे - गणेश चतुर्थी। हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाए जाने वाला यह पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश चतुर्थी मनाने की परंपरा के पीछे क्या रहस्य छुपा है? आज के इस लेख में हम जानेंगे गणेश चतुर्थी के महत्व, इसके मनाने के कारण और उसकी पौराणिक कथा के बारे में। हम आपको बताएंगे कि क्यों गणेश जी को विघ्नहर्ता और समृद्धि का देवता माना जाता है, और कैसे उनकी पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।
तो चलिए, बिना किसी देरी के, इस की शुरुआत करते हैं और जानते हैं गणेश चतुर्थी की महिमा और इसके पीछे की अद्भुत कथा। 

दस दिनों की लेखन प्रक्रिया

पौराणिक मान्यता के अनुसार, गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश का जन्मोत्सव बड़े श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। एक मान्यता के अनुसार, गणेश जी का जन्म भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था। इस दिन को विशेष रूप से गणेश चतुर्थी के रूप में मनाते हैं। कई पौराणिक कहानियों के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश ने महर्षि वेद व्यास की मदद से महाभारत के लेखन की शुरुआत की थी। महर्षि वेद व्यास ने गणेश जी को महाभारत की कहानी सुनाई और गणेश जी ने अपनी कलम से महाभारत को लिपिबद्ध किया। इस प्रक्रिया में दस दिन लगे, और गणेश जी इन दस दिनों तक एक ही मुद्रा में बैठे रहे। इस दौरान उनके शरीर पर धूल-मिट्टी की परत चढ़ गई थी। गणेश जी ने दसवें दिन नदी में स्नान किया, जो अनंत चतुर्दशी के दिन के रूप में जाना जाता है।

PunjabKesari

गणेश चतुर्थी का महत्व

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और सौभाग्यदाता माना जाता है। किसी भी मांगलिक कार्य, पूजा या अनुष्ठान की शुरुआत गणेश जी से की जाती है, यही कारण है कि गणेश चतुर्थी का दिन विशेष महत्व रखता है।कहा जाता है कि जिन लोगों के कार्यों में विघ्न आते हैं या जो काम-धंधे में तरक्की नहीं पा रहे हैं, उन्हें गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा को अपने घर लाना चाहिए। दस दिनों तक विधिपूर्वक गणेश जी की पूजा करने से उनके जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है।

विशेष पूजा की जाती हैं 

इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से न केवल व्यावसायिक और व्यक्तिगत जीवन में सुख-समृद्धि मिलती है, बल्कि यह भी माना जाता है कि पूजा करने से सारे कष्ट और समस्याएँ दूर हो जाती हैं। गणेश चतुर्थी का पर्व एक अवसर है, जब भक्त भगवान गणेश के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति प्रकट करते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन की कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास करते हैं। इस दिन की पूजा का महत्व न केवल धार्मिक है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है।

PunjabKesari

गणेश चतुर्थी का महत्व

1. विघ्नहर्ता, भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, जो जीवन के हर क्षेत्र में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद करते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन उनकी पूजा करने से सभी प्रकार की कठिनाइयाँ समाप्त      होती हैं।

2. धन और समृद्धि, गणेश जी को धन और समृद्धि का देवता भी माना जाता है। उनकी पूजा से आर्थिक समृद्धि और व्यवसाय में सफलता मिलती है।

3. ज्ञान और बुद्धि गणेश जी की पूजा से बुद्धि, ज्ञान और समझ में वृद्धि होती है, जो विशेष रूप से विद्यार्थियों और शिक्षार्थियों के लिए लाभकारी होती है।

4. परिवार में सुख-शांति गणेश चतुर्थी के दिन पूजा करने से परिवार में सुख-शांति और सामंजस्य बनाए रखने में मदद मिलती है।

इस प्रकार, गणेश चतुर्थी एक पावन अवसर है जो न केवल धार्मिक अनुष्ठान बल्कि समाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी केन्द्र होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा और उनकी भव्य आराधना से सभी भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।


 

Related News