आज के समय में देखा जा रहा है कि लोगों में पथरी की समस्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। बच्चों से लेकर बड़े तक इसका शिकार हो रहे है। पित्ताशय एक छोटा अंग है जो पेट के ठीक ऊपर और दांय और उपस्थित होता है। पित्त की पथरी के कारण शरीर के इस हिस्से में असहनीय दर्द होता है। अगर आपको पथरी हो तो इसका दर्द कभी भी हो सकता है। पित्ताशय की पथरी निकालने के लिए ऑपरेशन ही एकमात्र उपाय है अन्य कोई उपचार प्रभावी नहीं होता। इसमें डॉक्टरों के द्वारा सर्जरी से पेट में छेद करके निकाला जाता है। कोशिश करें कि पथरी बनने ही न दें ।
पित्त की पथरी बनने के कारण
जब गॉलब्लैडर में तरल पदार्थ की मात्रा सूखने लगती है तो उसमें मौजूद चीनी-नमक और अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट तत्व एक साथ जमा होकर छोटे-छोटे पत्थर के टुकड़ों जैसा रूप धारण कर लेते हैं, जिन्हें गॉलस्टोन्स कहा जाता है।अक्सर होता ये है कि पित्ताशय में कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन और पित्त लवणों का जमाव हो जाता है। 80 प्रतिशत पथरी कोलेस्ट्रॉल की बनी होती। है। धीरे-धीरे वे कठोर हो जाती हैं तथा पित्ताशय के अंदर पत्थर का रूप ले लेती है। कोलेस्ट्रॉल स्टोन पीले-हरे रंग के होते हैं। इसका एक और कारण पित्त का पर्याप्त रूप से खाली न होना भी हो सकता है। जिसके कारण गाढ़े पित्त का संग्रहण होने लगता है और पथरी बन सकती है।
पित्त की पथरी के लक्षण
पित्ताशय में सूजन और दाहिनी बगल में दर्द
पेट भर जाना और डकार आना
यूरिन का पीला और गहरा पड़ना
बुखार
पीलिया
उल्टी होना
पसीना
पेट में दर्द
पित्ताशय की पथरी से कैसे करें बचाव
- सुबह खाली पेट 50 मि.ली. नींबू का रस पीने से एक सप्ताह में असर दिखने लगता है।
- तली और भुनी चीजों से रखें दूर रहें।
- गाजर और ककड़ी का रस को 100 मी.ली की मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार पीना चाहिए।
- शराब, सिगरेट, चाय, कॉफी और शक्कर से परहेज करें।
- नाश्पति खाना पित्त की पथरी के लिए फायदेमंद है।
- अधिक मात्रा में हरी सब्जियां और फलों का सेवन करें।
- पित्त की पथरी का उपचार करने के लिए आप योग और व्यायाम का सहारा भी लें सकते है।