सावन के शुभ महीने में शिव जी की कृपा पाने के लोग व्रत रखने के साथ मंदिर में जाकर शिव जी पूजा करते है। अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए लोग शिवलिंग पर अलग- अलग चीजों को चढ़ाते है। मगर शास्त्रों को अनुसार ऐसी बहुत सी चीजें है जिसे शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसे में आज हम आपको बताते है कि शिवलिंग की पूजा करने और उनकी कृपा पाने के लिए उन्हें किन चीजों को चढ़ाना चाहिए। साथ ही किन चीजों को चढ़ाने से बचना चाहिए। तो चलिए जानते है शिवलिंग की पूजा से जुड़े कुछ खास नियम...
पंचामृत से स्नान
सबसे पहले शिवलिंग को दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल मिलाकर तैयार पंचामृत से स्नान करवाना चाहिए।
भस्म
भगवान भोलेनाथ को भस्म अति प्रिय होने से शिवलिंग पर इससे 3 आड़ी ढंग से लकीरों से तिलक लगाना शुभ होता है।
दूध, जल, तिल और बेलपत्र
अब दूध मिश्रित जल में थोड़े से काले तिल मिलाकर अर्पित करें। उसके बाद 3 पत्तियों वाले 3 बेलपत्र चढ़ाएं।
फूल
शिव पूजा में हमेशा कनेर, धतूरे, आक, चमेली और जूही के फूलों को चढ़ाना चाहिए।
प्रसाद
भगवान को प्रसाद के तौर पर खीर, फल, आटे का चूरमा आदि चढ़ाएं। साथ ही इस बात खास ध्यान रखें कि उनको अर्पित किया हुआ प्रसाद खुद नहीं खाना चाहिए।
प्रक्रिमा
यहां आपको बता दें शिवलिंग की कभी परिक्रमा नहीं ली जाती है। बल्कि हमेशा शिव मंदिर की परिक्रमा करने चाहिए और वो भी आधी।
इन चीजों को चढ़ाने से बचें
हल्दी और सिंदुर
शिव जी की पूजा में हल्दी और सिंदुर चढ़ाना निषेध होता है। असल में ये चीजें सौभाग्य का प्रतीक होते है और भगवान शिव के वैरागी होने से उन्हें ये नहीं अर्पित करनी चाहिए।
खंडित चावल
शिव जी को चावल अर्पित किए जाते है। मगर इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी चावल खंडित यानि टूटा हुआ न हो।
केतकी, केवड़ा और चंपा
धार्मिक ग्रंथ शिव पुराण के अनुसार शिव जी ने केतकी के फूलों का त्याग किया था। इसलिए इनकी पूजा में इन फूलों को शामिल नहीं करना चाहिए। इसके अलावा केवड़ा और चंपा के फूल शिव जी को नापसंद होने के कारण इन्हें भी शिवलिंग पर अर्पित करने की गलती न करें।
इस बात का विशेष ध्यान दें कि भगवान शिव की पूजा करने से पहले उनकी अर्धांगिनी माता पार्वती की पूजा करें।