बच्चे बहुत ही नाजुक होते हैं। ऐसे में इनकी देखभाल बड़े ही ध्यान और संभल कर करनी चाहिए। बात अगर मानसून की करें तो इस दौरान वातावरण में बैक्टीरिया या वायरस पनपने लगते हैं। ये वायरस बच्चों को अपनी चपेट में तेजी से ले लेते हैं। ऐसे में बच्चों को सर्दी-जुकाम, बुखार होने के साथ आंखों में भी इंफेक्शन या एलर्जी होने का खतरा कई गुणा बढ़ जाता हैं। ऐसे में इस दौरान माता-पिता को बच्चों की सेहत से जुड़ी किसी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चों के प्रति सतर्क रहने के सा उन्हें कुछ अच्छी आदतें डालनी चाहिए। तो चलिए जानते है बच्चों की आंखों को स्वस्थ रखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
हाथ धोने की डालें आदत
बहुत से बच्चों को बार-बार हाथों से आंखें मलने की आदत होती हैं। इसतरह गंदे हाथों से चेहरे और आंखों को छुने से धूल- मिट्टी आंखों में चली जाती है, जिससे संक्रमण होने का खतरा बढ़ता है। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चों को हाथों की साफ- सफाई के प्रति जागरूक कर उन्हें समय- समय पर हाथ धोने की आदत डालनी चाहिए।
समय- समय पर करवाएं आंखें चैक
बच्चे बहुत ही नाजुक होते हैं। ऐसे में वे जल्दी ही बीमारियों की चपेट में आने लगते है। ऐसे में हर साल उनका हैल्थ चैकअप करवाने के साथ आंखों की भी जांच करवाएं। ऐसा करने से बच्चों की आंखों से जुड़ी परेशानी का पता चलेगा। साथ ही भविष्य में उन्हें कोई आंखो से जुड़ी परेशानी होने का खतरा भी कम होगा। इसके अलावा एक्सपर्ट्स से बच्चों की आंखों को स्वस्थ रखने के लिए हैल्दी डाइट प्लान पूछे और बच्चों को वही चीजें खिलाए।
कोई परेशानी होने पर करें सही इलाज
बच्चों को किसी भी तरह की कोई परेशानी होने उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। खासतौर पर बच्चों का इलाज बच्चोें के एक्सपर्ट्स से ही करवाएं। आंखों पर समस्या होने पर उनकी आंखों में आई ड्रॉप डालें। उनका टी.वने और मोबाइल यूज करने का समय तय करें। असल में, लगातार कई घंटों तक फोन या टी.वी. स्क्रीन देखने पर भी आंखों से जुड़ी परेशानियां होती हैं।
बाहरी तत्वों की सुरक्षा भी जरूरी
कंजेक्टिवाइटिस रोग एक-दूसरे संपर्क में आने से फैलता हैं। इस रोग में आंखों में सूजन, दर्द होने के साथ इसका रंग गुलाबी होने लगता है। ऐसे में बच्चों को कही बाहर भेजने से पहले उनकी साफ- सफाई ध्यान रखें। उन्हें बाहर किसी सार्वजिन जगह जैसे कि पार्क, गली या किसी के घर से खेल कर आने के बाद घर लौटकर हाथ-मुंह अच्छे से धोने की आदत डालें। साथ ही गंदगी वाली जगह पर उसे खेलने को रोकें। इसके लिए पेरेंट्स को पता होना चाहिए कि उनके बच्चे कहा और कैसी जगह पर खेल रहें हैं।