कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सोना, चांदी, झाड़ू खरीदने का विशेष महत्व है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि केवल दिवाली का ही नहीं बल्कि कार्तिक मास में दिवाली के साथ पड़ने वाले पांच दिवसीय पर्व खास माने जाते हैं, जिसकी शुरुआत धनतेरस पर्व से होती है। कहा जाता है कि इस दिन बर्तन खरीदने से मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की कृपा मनुष्य पर सदैव बनी रहती है। धनतेरस पर नया बर्तन घर में लाते समय एक बात का खास ख्याल रखना होता है कि ये बर्तन कभी भी खाली नहीं रहना चाहिए। आइए आज आपको बताते हैं कि, धनतेरस पर खरीदे गए बर्तनों में आप कौन सी शुभ चीजें रखकर ला सकते हैं।
जल
धनतेरस के दिन अगर आप कोई बर्तन खरीद रहे हैं तो उसमें जल भरकर ही घर के अंदर प्रवेश करें, इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। सनातन धर्म के अनुसार, जल प्रकृति के पांच तत्वों में से एक है और जल को देवता के रूप में स्वीकार किया गया है। अगर आप चाहें तो इस पानी में आप थोड़ा-सा गंगाजल भी डाल सकते हैं। साथ ही इन बर्तनों में शहद भी डालकर ला सकते हैं।
चावल
अकसर आपने देखा होगा कि कोई भी शुभ कार्य चावल के बिना पूरा नहीं किया जा सकता। हिंदू धर्म में चावल को अक्षत कहा गया है। धार्मिक आयजनों में अक्षत का बड़ा ही खास महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार, पूजा-अनुष्ठानों में यह देवी-देवताओं को भी अर्पित किया जाता है। इसलिए शुभ कार्यों में चावल से बनी खीर का भोग लगाया जाता है। इसका प्रयोग देवी-देवताओं को चढ़ने वाली खीर और मिठाई में भी होता है। आप चाहें तो इस बर्तन में थोड़ा सा दूध भी लेकर आ सकते हैं।
सात तरह के अनाज
जो बर्तन आप घऱ ला रहे हैं उसमें सात तरह के अनाज भई आप ला सकते हैं। धनतेरस पर लाए बर्तन में अगर सात प्रकार के अनाज लेकर आते हैं तो ये बेहद ही शुभ होता है। इस बर्तन में जौ, सफेद तिल, धान, गेहूं, काला चना, मूंग या मसूर दाल भी दाल भी लेकर आ सकते हैं। ये अनाज देवी-देवताओं को चढ़ाए जाते हैं और इनके प्रयोग से बना प्रसाद श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है।