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Nari

सिर्फ EMI भरकर तुम मालिक नहीं बन सकते... पति-पत्नी की joint property काे लेकर कोर्ट का बड़ा फैसला

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 01 Oct, 2025 01:19 PM
सिर्फ EMI भरकर तुम मालिक नहीं बन सकते... पति-पत्नी की joint property काे लेकर कोर्ट का बड़ा फैसला

नारी डेस्क: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि पति, दोनों पति-पत्नी के नाम पर संयुक्त रूप से अर्जित और पंजीकृत संपत्ति पर केवल इस आधार पर अनन्य स्वामित्व  (exclusive ownership) का दावा नहीं कर सकता कि उसने ईएमआई का भुगतान किया है। कोर्ट का कहना है कि ईएमआई  चुकाने से पति का पूरा हक नहीं बनता है।  न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने 22 सितंबर को यह टिप्पणी की।
 

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न्यायालय ने कहा- "जब संपत्ति पति-पत्नी के संयुक्त नाम पर हो जाती है, तो पति को केवल इस आधार पर अनन्य स्वामित्व का दावा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती कि उसने अकेले ही खरीद मूल्य प्रदान किया है।" इसमें कहा गया है कि पति का दावा बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध अधिनियम की धारा 4 का उल्लंघन करता है, जो संपत्ति का वास्तविक मालिक होने का दावा करने वाले व्यक्ति को उस व्यक्ति के खिलाफ कोई मुकदमा, दावा या अधिकार लागू करने की कार्रवाई करने से रोकता है जिसके नाम पर संपत्ति है।
 

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उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में, पत्नी ने यह भी दावा किया कि अतिरिक्त राशि का 50 प्रतिशत उसका है, और यह दावा किया कि यह उसके स्त्रीधन (हिंदू कानून के अनुसार एक महिला की पूर्ण और अनन्य संपत्ति) का हिस्सा है और इसलिए, इस पर उसका विशेष स्वामित्व है। याचिका के अनुसार, इस जोड़े की शादी 1999 में हुई थी और उन्होंने 2005 में मुंबई में संयुक्त रूप से एक घर खरीदा था। हालांकि, वे 2006 में अलग रहने लगे और पति ने उसी वर्ष तलाक के लिए अर्जी दी, जो वर्तमान में लंबित है। 

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