कोरोना के कारण देश में लाखों लोगों की मौत हुई थी। ऐसे में कोविड से बचाव के लिए सरकार की ओर से आनन फानन में वैक्सीन तैयार की गई थी। दुनिया की कई बड़ी कंपनियों ने कोविड की वैक्सीन तैयार की थी जिसमें से एक कंपनी एस्ट्राजेनेका थी। एस्ट्राजेनेका ने कोविडशील्ड नाम की कोरोना वैक्सीन बनाई थी, लेकिन अब हाल ही में कंपनी ने एक बड़ा खुलासा किया है। एस्ट्राजेनेका ने यह बात मानी है कि कोविडशील्ड वैक्सीन के कारण खतरनाक साइड इफेक्ट हो सकता है। कंपनी ने कहा है कि इसके कारण थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम की समस्या हो सकती है लेकिन क्या यह वैक्सीन सबके लिए खतरनाक है आज आपको इस बारे में बताएंगे।
बहुत दुर्लभ मामलों में होगा खतरा
भारत में कोविडशील्ड का पुणे में स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ने किया है। कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर 19 अगस्त 2021 को कोविडशील्ड टीका लगवाने के कारण होने वाले साइड इफेक्ट्स की भी जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि टीका लगवानेके कारण थ्रोम्बोसाइटोपीनिया या प्लेटलेट्स की संख्या कम होने के अलावा ब्लड क्लोटिंग हो सकती है परंतु यह समस्या 1 लाख में से एक से भी कम लोगों को हो सकती है। कंपनी ने इसे बहुत ही दुर्लभ मामला बताया है।
शरीर में होंगे ये साइड इफेक्ट्स
सीरम इंस्टीट्यूट की मानें तो टीका लगवाने के बाद आपको कई समस्याएं हो सकती हं जैसे
. बेहोशी या चक्कर आना
. दिल की धड़कन में बदलाव
. सांस फूलना या सांस लेने के दौरान सीटी जैसी आवाज आना
. होंठ. चेहरे या फिर गले में सूजन
हालांकि कंपनी ने यह भी कहा कि टीकाकरण के बाद एक ही समय पर एक से ज्यादा साइड इफेक्ट भी दिख सकते हैं। जैसे
. मांसपेशियों या फिर जोड़ों में दर्द
. सिरदर्द
. कंपकंपी
ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह लें हालांकि यह समस्या 10 में से 1 व्यक्ति हो सकती है। इसके अलावा वैक्सीन लगवाने के बाद इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन, लाल होना
. बुखार आना
. उल्टी
. दस्त
. हाथ-पैर में तेज दर्द
. बुखार
. गले में खराश
. नाक बहना
. खांसी
. कंपकपी
100 में से एक व्यक्ति को होगी समस्या
वहीं कंपनी ने कहा कि इन सभी लक्षणों के अलावा सुस्ती या चक्कर, पेट में दर्द, लिम्फ नोड्स, ज्यादा पसीना आना, त्वचा में खुजली, त्वचा पर चकत्ते पड़ने की समस्या भी हो सकती है। कंपनी का कहना है कि ये समस्याएं 100 में से एक व्यक्ति को ही हो सकती हैं। वैक्सीन के ज्यादातर साइड इफेक्ट्स टीका लगवाने के 5-7 दिन तक रहते हैं। पहली खुराक के समय रिपोर्ट किए गए साइड इफेक्ट्स दूसरी खुराक के मुकाबले कम ही दिखते हैं।