मॉडर्न किचन्स में कई एडवांस्ड और सुविधाजनक अप्लायंसेस के अलावा आकर्षक, सुंदर और ईंधन और तेल बचाने वाले बर्तन भी उपलब्ध हैं। प्रेशर कूकर, एयर फ्रायर और नॉन-स्टिक कुकवेयर ऐसे ही बर्तन हैं जो, घर की रसोइयों में समय बचाने के साथ-साथ कम मात्रा में तेल का प्रयोग करते हुए खाना बनाने में कारगर हैं।
नॉनस्टिक बर्तनों में तेल तो कम लगता ही है, साथ ही इनकी साफ-सफाई भी बहुत आसानी से हो जाती है। इसीलिए, लोग इन्हें इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। लेकिन यह आपकी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता है। दरअसल अमेरिक में एक रिसर्च में पता चला है कि लगातार कई सालों तक नॉनस्टिक बर्तनों में खाना पकाने से शरीर में टेफ्लॉन की मात्रा बढ़ जाती है, जिसे पॉलीटेट्रा प्लूरोएथालिन कहते हैं। तेज आंच पर जब आप नॉनस्टिक बर्तन में खाना बनाते हो तो इससे कैमिकल्स इनफर्टिलिटी और हार्ट प्रॉब्लम जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इसके आलवा भी बहुत सारे नुकसान होते हैं सेहत को। आईए डालते है इस पर एक नज़र।
इन बीमारियों का हो सकते हो शिकार
1. कैंसर का खतरा बढ़ता है।
2. नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाने से शरीर में ऑयरन कि कमी होती है।
3. कॉग्निटिव डिसॉर्डर होने का रिस्क रहता है।
4. नॉन स्टिक बर्तनों में मौ़जूद PFO की वजह से थॉयरॉइड होने की भी संभावना होती है।
5. इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
6. दिल की बीमारियों का रिस्क बढ़ता है।
नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाते समय इन बातों का रखे खास ध्यान
1. नॉन स्टिक बर्तन को इस्तेमाल करने से 10 मिनट पहले उसमें गर्म पानी भर के रखें, इससे बरतन अच्छी तरह साफ हो जाएगा और केमिकल भी निकल जाएंगे।
2. नॉन स्टिक बर्तनों के लिए विशेष चम्मच, कलछी बाजार में उपलब्ध है, इसी का इस्तेमाल करें। साधारण वाली कलछी से टेफलॉन की कोटिंग खुलकर खाने में मिक्स हो जाती है और सेहत को नुकसान पहुंचाती है।
3.ऐसे बर्तनों को तुरंत टिश्यू पेपर से पोंछ दें। इसी तरह हमेशा प्लास्टिक या नर्म स्पंज से इन्हें साफ करें। कभी भी नॉन स्टिक बर्तनों को घिसकर साफ नहीं करें।
4. अगर, नॉन स्टिक कोटिंग निकलती हुई दिखायी पड़े तो इन बर्तनों का इस्तेमाल बंद कर दें।