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बुजुर्गों की छत्र-छाया में पलने वाले बच्चे होते हैं शांत और संस्कारी

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 01 Oct, 2024 12:32 PM
बुजुर्गों की छत्र-छाया में पलने वाले बच्चे होते हैं शांत और संस्कारी

नारी डेस्क: बुजुर्गों का घर में होना बच्चों के लिए कई मायनों में फायदेमंद साबित होता है। उनके अनुभव, ज्ञान और स्नेह से बच्चों के व्यक्तित्व का विकास होता है। बुजुर्ग बच्चों को नैतिक शिक्षा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके साथ समय बिताकर बच्चे सच्चाई, ईमानदारी, और सम्मान जैसे नैतिक मूल्यों को समझते हैं और अपने जीवन में उतारते हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि बच्चों को बुजुर्गों का सम्मान करने के लिए कैसे प्रेरित किया जा सकता है।

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अनुभव और ज्ञान का भंडार होते हैं बुुजुर्ग

बुजुर्गों के पास जीवन का लंबा अनुभव और ज्ञान होता है, जो बच्चों के लिए एक अनमोल खजाना है। वे अपने अनुभवों से बच्चों को सिखा सकते हैं कि मुश्किल समय में कैसे शांत रहें, जीवन में क्या महत्वपूर्ण है और अच्छे संस्कार कैसे विकसित करें।  बुजुर्गों की संगत में रहकर बच्चे धैर्य और सहनशीलता जैसे गुणों को सीखते हैं। वे देखते हैं कि कैसे बुजुर्ग छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा नहीं करते, जिससे उनका व्यवहार सकारात्मक और विनम्र बनता है।


संस्कृति और परंपराओं की समझ


बुजुर्ग अक्सर परिवार की पुरानी परंपराओं, त्योहारों और रीति-रिवाजों के बारे में बताते हैं। इससे बच्चों को अपनी संस्कृति के प्रति सम्मान बढ़ता है और वे अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं। बुजुर्ग बच्चों को असीम स्नेह और प्यार देते हैं। उनका प्यार बच्चों को भावनात्मक सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे बच्चों का मानसिक विकास मजबूत होता है। बुजुर्ग अपने जीवन की कहानियों या पुरानी लोक कथाओं के माध्यम से बच्चों को ज्ञान देते हैं। यह बच्चों की कल्पना शक्ति को बढ़ावा देता है और उनकी सीखने की क्षमता को बढ़ाता है।

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बच्चों को सिखाएं बुजुर्गों का सम्मान करना

सम्मान की महत्ता बताएं: बच्चों को समझाएं कि बुजुर्गों का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है क्योंकि उन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी परिवार के लिए समर्पित की है। उन्हें यह सिखाएं कि बुजुर्गों की बातों को ध्यान से सुनना और उनके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।

बुजुर्गों की मदद के लिए प्रेरित करें:  बच्चों को बुजुर्गों के छोटे-छोटे कामों में मदद करने के लिए प्रेरित करें, जैसे उनके लिए पानी लाना, उनके साथ समय बिताना, या किसी काम में उनका सहयोग करना।

धैर्य और समझदारी सिखाएं:  बच्चों को यह सिखाएं कि बुजुर्गों के साथ धैर्य और समझदारी से पेश आना चाहिए। उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति को समझते हुए उनसे धीरे और आदर के साथ बात करनी चाहिए।

बुजुर्गों के साथ समय बिताने को प्रोत्साहित करें:  बच्चों को बुजुर्गों के साथ अधिक समय बिताने के लिए प्रोत्साहित करें, जिससे दोनों पीढ़ियों के बीच मजबूत संबंध बन सकें। यह समयबद्धता, अनुशासन और बातचीत के महत्वपूर्ण गुणों को भी विकसित करता है।

परिवार की अहमियत बताएं:  बच्चों को परिवार के सदस्यों के प्रति प्यार और सम्मान का महत्त्व समझाएं। उन्हें बताएं कि बुजुर्ग परिवार का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनका ख्याल रखना सभी की जिम्मेदारी है।


बुजुर्गों की उपस्थिति घर में बच्चों के लिए एक अमूल्य धरोहर होती है। वे बच्चों को अपने अनुभवों से जीवन के गहरे पाठ सिखाते हैं और उनके व्यक्तित्व को मजबूत बनाते हैं। बच्चों को बुजुर्गों का आदर और सम्मान करने की शिक्षा देकर हम उन्हें अच्छे संस्कार और नैतिकता के रास्ते पर ले जा सकते हैं।

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