नारी डेस्क: 6 महीने से पहले तक बच्चे को सिर्फ और सिर्फ मां का दूध पीने की ही सलाह देते हैं। हालांकि इसके बाद धीरे-धीरे उन्हें ठोस आहार खिलाना शुरु किया जाता है। ऐसे में ठोस आहार देने से पहले भी उन्हें कई तरह की सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि इस समय में भी उन्हें किसी तरह का इंफेक्शन, एलर्जी या फिर अन्य स्वास्थ्य समस्याए हो सकती हैं। 1 साल के होने तक बच्चे का पाचन तंत्र पूरी तरह से विकसित नहीं होता ऐसे में तब तक उन्हें कोई भी चीज सोच समझकर और डॉक्टरी सलाह पर ही खिलानी चाहिए। इसी कड़ी में आज आपको कुछ ऐसी चीजें बताते हैं जो आपको बच्चे को 1 साल से पहले नहीं देनी चाहिए। तो चलिए अब जानते ऐन इसके बारे में -
गाय का दूध
पहले साल तक बच्चे को मां का दूध या फिर फॉर्मूला मिल्क ही देना चाहिए। गाय के दूध में प्रोटीन मौजूद होता है जिसे बच्चे आसानी से पचा नहीं पाते। ऐसे में इसके चलते उनकी किडनी पर दबाव पड़ता है। कुछ बच्चे गाय के दूध में मौजूद लैक्टोज को भी नहीं पचा पाते जिसके कारण उन्हें दस्त हो सकते हैं। ऐसे में गाय का दूध पीने से बच्चों को कब्ज, गैस और पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
नमक
बच्चे की किडनी पूरी तरह से विकसित नहीं हुई होती ऐसे में उनके लिए ज्यादा नमक खाना नुकसानदायक हो सकता है। बच्चे को ज्यादा नमक की जरुरत नहीं होती। उन्हें बस दिन में एक ग्राम से कम मात्रा में नमक चाहिए होता है जो उन्हें फार्मूला मिल्क या फिर मां के दूध के जरिए मिल जाता है। ऐसे में जब भी आप बच्चे के लिए खाना बनाएं तो उसमें नमक कम मात्रा में ही रखें।
फलों का जूस
फलों के जूस में भी चीनी और कैलोरी काफी मात्रा में मौजूद होती है। ऐसे में यह बच्चों के पाचन को प्रभावित कर सकती है। बच्चे का पाचन तंत्र ज्यादा चीनी को संभालने में असमर्थ हो सकता है जिसके कारण उन्हें दस्त, गैस या फिर पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में एक साल से कम उम्र के बच्चों को आप फलों का जूस न ही दें।
चीनी
चीनी बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। इसके सेवन से बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है। इसके अलावा बच्चों के दांत भी सड़ सकते हैं। ऐसे में बच्चे को 1 साल से पहले शुगर न ही दें। अगर फिर भी आप मीठा देना चाहते हैं तो मैश किया हुआ केला, स्तनपान या फॉर्मूला मिल्क का दूध ही इस्तेमाल करें।
अंगूर
कुछ पेरेंट्स छ: महीने के बाद बच्चे को छिलके के साथ अंगूर दे देते हैं ऐसे में बच्चे भी इसे पूरा खा लेते हैं लेकिन पूरा अंगूर खाने से उनका गला बंद हो सकता है और उनका दम भी घुट सकता है। ऐसे में आप बच्चों को यदि अंगूर देना चाहते हैं तो उन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर ही खिलाएं।
शहद
इसके चलते बच्चे को गंभीर बीमारी भी हो सकती है। इसलिए आप कोशिश करें कि 1 साल से पहले उन्हें शहद न ही खिलाएं। शहद एक तरह की चीनी ही होता है ऐसे में इसका सेवन बच्चे को न करवाने से उन्हें दातों में सड़न भी नहीं होगी।