
नारी डेस्क: सीमा सुरक्षा बल ने अटारी-वाघा सीमा पर आयोजित होने वाले दैनिक रिट्रीट समारोह के समय में बदवाल की घोषणा की है। इससे पहले यह कार्यक्रम प्रतिदिन शाम 6:30 बजे से सात बजे तक होता था लेकिन 15 अगस्त के बाद से इसे शाम छह बजे से साढ़े छह बजे के बीच आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार यह निर्णय मौसम की बदलती स्थिति को देखते हुए लिया गया।
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क्या है बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी
अधिकारियों ने कहा कि समय में बदालव करने से इस आयोजन को देखने के लिए आने वाले पर्यटकों एवं आगंतुकों को अधिक सुविधा होने की उम्मीद जतायी गयी है। बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी भारत-पाकिस्तान की सीमा पर रोज़ाना शाम को सूर्यास्त से पहले भारतीय BSF (Border Security Force) और पाकिस्तान की Rangers के जवानों द्वारा की जाने वाली एक परेड सेरेमनी है। इसमें दोनों देशों के सैनिक एक साथ मार्च करते हैं, परेड करते हैं और झंडा उतारते हैं।
देशभक्ति और शौर्य का प्रदर्शन
दोनों देशों के जवान ऊंचे-ऊंचे कदमों के साथ जोरदार परेड करते हैं। यह देशभक्ति का जोश और सीमा सुरक्षा बल की शक्ति को दर्शाता है। रोजाना हजारों लोग यहां आकर परेड देखते हैं। दर्शकों की तालियों, जयकारों और नारों से माहौल देशभक्ति से भर जाता है। यह सिर्फ सैन्य शक्ति का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच सीमा पर अनुशासन और संयम का प्रतीक भी है। सेरेमनी के अंत में दोनों देशों के जवान हाथ मिलाते हैं, जो शांति और आपसी सम्मान का प्रतीक है।
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कब होती है परेड?
यह परेड हर दिन शाम को सूरज ढलने से ठीक पहले होती है। समय मौसम और सूर्यास्त पर निर्भर करता है। इसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। यह सेरेमनी एक देशभक्ति का त्योहार जैसी लगती है, जहां हर कोई भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाता है। अटारी-बाघा रिट्रीट भारत-पाकिस्तान की सीमा पर रोज़ होने वाला देशभक्ति और शौर्य का अनोखा प्रदर्शन है, जो हर भारतीय को गर्व से भर देता है।