देश की प्रीमियम जांच एजेंसी सीबीआई के नए डायरेक्टर की कमान सुबोध जायसवाल को सौंपी गई है। बतां दें कि दो साल तक इस पद पर रहेंगे। इससे पहले वो मुंबई पुलिस कमिश्नर का भी पदभार संभाल चुके है। सुबोध जायसवाल 1985 बैच आईपीएस अफसर हैं।
दरअसल, सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में चयन समिति की सोमवार को बैठक हुई। इस बैठक में सीबीआई डायरेक्टर के लिए 3 नामों पर विचार किया गया। इनमें सुबोध जायसवाल, के.आर. चंद्रा और वीकेएस कौमुदी के नाम शामिल थे।
109 अधिकारियों के नाम में सुबोध जायसवाल पर लगी मुहर-
सूत्रों के मुताबिक,1984-87 बैच के 109 अधिकारियों के नाम में से कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने हाई पावर कमेटी के लिए 10 नाम शॉर्टलिस्ट किए थे। बाद में यह इस लिस्ट में सिर्फ 6 नामों को ही आगे बढ़ाया गया। इस रेस में बीएसएफ चीफ राकेश अस्थाना और एनआईए चीफ वाईसी मोदी भी शामिल थे।
सीबीआई का नया बॉस चुनने के लिए 90 मिनट तक चली बैठक-
सीबीआई का नया डायरेक्टर चुनने के लिए 90 मिनट तक यह बैठक चली, और अंतिम रूप से सुबोध जायसवाल, केआर चंद्रा और वीकेएस कौमुदी के नाम पर सहमति बनी। इसके बाद मंगलवार को नए सीबीआई चीफ के तौर पर सुबोध जायसवाल के नाम पर मुहर लग गई। इससे पहले वो डीजी सीआईएसएफ थे।
RAW एजेंसी के साथ भी काम कर चुके हैं सुबोध जायसवाल-
सुबोध जायसवाल ने एक दशक से अधिक समय तक इंटेलिजेंस ब्यूरो, SPG (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) और RAW (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के साथ भी काम किया है। सुबोध जायसवाल तेलगी घोटाले में अपनी जांच के बाद सुर्खियों में आए थे। उस वक्त वह स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स का नेतृत्व कर रहे थे।
कई आतंकवाद विरोधी अभियानों भी दे चुके है अपनी हिस्सेदारी-
सुबोध जायसवाल महाराष्ट्र एटीएस का नेतृत्व करते हुए कई आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी काम किया है। सुबोध जायसवाल को उनकी साफ छवि और गैर-भ्रष्ट अधिकारी के रूप में जाना जाता है। उन्हें 2009 में उनकी विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था।