हाल ही में हुई एक स्टडी में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसमें बताया गया है कि कैसे 70 साल से कम उम्र के व्यक्तियों को कोलेरेक्टल कैंसर यानि बड़ी आंत के कैंसर का खतरा बढ़ता जा रहा है। इस बारे में वैज्ञानिकों ने साल 1990 से अध्ययन किया, जहां पर उन्होंने पाया की 50 साल के अंडर वाले लोगों में ऐसे केस की वृद्धि हो रही है, जिसके चलते 1950 में पैद हुए लोग अकसर कोलोरेक्टल कैंसर की जांच करवाते थे।
डाना- फार्बर कैंसर इंस्टीट्यूट में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ऑन्कोलॉजी के एक्सपर्ट्स और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर किम्मी एनजी का कहना है कि 1990 के दशक के मध्य में ये वृद्धि प्रति साल लगभग 2% है। साफ शब्दों में बताया जाए तो स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ कि 1990 में जन्मे किसी व्यक्ति को अब 1950 में जन्मे व्यक्ति की तुलना में कोलोरेक्टल कैंसर विकसित होने का खतरा चार गुना ज्यादा रहता है।
दाना- फार्बर कैंसर इंस्टीट्यूट में मेडिसिन के प्रशिक्षक चेन युआन के सहयोग से एनजी द्वारा किए गए एक नई स्टडी में 27 से 93 साल की आयु की लगभग 160,000 महिलाओं के डेटा का विश्लेषण किया। जिससे इस बात का पता चला कि जिन लोगों को बचपन में ब्रेस्टफीड किया गया था , उन्हें कोलोकेक्टल कैंसर होने का खतरा 23% ज्यादा होता है। वहीं इस स्टडी ग्रुप का हिस्सा बने जवां लोगों में 55 की उम्र से पहले कोलोरेक्टल कैंसर होने का खतरा 40% तक बढ़ जाता है। आप बात दें इस स्टडी की पुष्टि के लिए अभी और भी शोध करने बाकी है। स्टडी करने वाले लेखक इस बात पर जोर देते हैं कि ये स्टडी को माताओं को अपने बच्चों की breastfeeding करने से discourage करने के लिए नहीं है।
बता दें मां का दूध बच्चों के लिए पोषण का बेस्ट source होता है और बच्चों की immune system को मजबूत बनाता है।हालांकि इस स्टडी के बाद ब्रेस्टफीड़िग को लेकर कई सवाल उठते हैं, लेकिन इससे ब्रेस्टफीड़िग के महत्व को नकारा नहीं जा सकता।