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आखिर क्यों तेजी से कम हो रही है देश में रक्तदाताओं की गिनती !!!

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 14 Jun, 2020 10:34 AM
आखिर क्यों तेजी से कम हो रही है देश में रक्तदाताओं की गिनती !!!

हर साल 14 जून को विश्व रक्तदान के रुप मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत 1868 में कार्ल लैंडस्टीनर की जयंती वाले दिन की गई थी। इस दिन को मनाने का मक्सद लोगों के खूनदन के प्रति जागरुक करना है। लेकिन इसके बावजूद हर साल वक्त पर खून न मिलने का कारण, सिर्फ भारत में ही लगभग 1.36 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इसके पीछे छिपे अनेक कारण हैं, तो चलिए जानते हैं उन कारणों के बारे में...

बीते सालों में आई खूनदान में गिरावट

नेशनल हेल्थ सर्विस ब्लड एंड ट्रांसप्लांट के आंकड़ों के अनुसार पिछले 5 सालों में रक्तदाताओं की गिनती में लगातार गिरावट होती चली जा रही है। इन आंकड़ो में कमी का सबसे मुख्य कारण महिलाओं द्वारा रक्तदान न करना है। रिर्पोट्स के मुताबिक पुरुषों में खून दान की गिरावट 25.6 गिनी जा चुकी है, वहीं महिलाओं में यह गिरावट 6 फीसदी तक कम हो चुकी है। 

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क्यों नहीं करती महिलाएं रक्तदान

ऐसा नहीं है कि महिलाएं बिल्कुल ही रक्तदान नहीं करती। लेकिन पुरुषों के मुकाबले उनके आंकड़े काफी कम देखे जा रहे हैं। महिलाओं के रक्तदान न करने के पीछे की वजह बहुत सी अफवाहें हैं, जैसे कि कई लोग समझते हैं महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले रक्त कम होता है, साथ ही माहवारी को भी एक बहुत बड़ा कारण माना जाता है। परंतु ऐसा कुछ भी नहीं है। अपने खान-पान का ध्यान रखते हुए औरतें भी मर्दों के मुकाबले खून दान कर सकती हैं। बस ध्यान रखा जाए कि माहवारी के दौरान रक्तदान न किया जाए। बाकि औरत जब चाहे खूनदान करने के लिए अपना योगदान दे सकती है। 

1.20 करोड़ यूनिट खून की जरूरत पड़ती है हर साल

देश में दुर्घटनाओं के आंकड़े जांचने के बाद यह बात सामने आई है कि हर साल देश में लगभग 1.20 करोड़ यूनिट खून की जरुरत पड़ती है। लेकिन साल में केवल 90 लाख यूनिट रक्त ही एकत्रित हो पाता है। जिसके चलते हर सोल 30 लाख यूनिट खून की कमी हो जाती है।

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आखिर क्यों पड़ता है हर साल खून कम

-अक्सर लोग सोचते हैं कि केवल शाकाहारी लोग ही खूनदान कर सकते हैं। वह समझते हैं कि शाकाहारी लोगों में आयरन की कमी होती है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। सर्वे की रिर्पोट्स के अनुसार शाकारहारी भोजन करने से मांस खाने वालों के अपेक्षाकृत अधिक खून बनता है।

-आज का युवा टैटु बनाने को बहुत शौकीन है। 100 में से 60 युवाओं की बॉडी पर टैटु बना होता है।टैटु बनवाने के सिर्फ 6 महीने तक खूनदान को परहेज होता है। उसके बाद आप कभी भी रक्तदान कर सकते हैं। आप चाहें तो इस बात की पूर्ति अपने डॉक्टर से भी कर सकते हैं। 

इन सबके अलावा भी बहुत से ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से लोग रक्तदान करने से कतराते हैं। मगर आप यह नहीं जानते कि आप ऐसा करके अपने शरीर के साथ और लोगों की जिंदगियों के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं। रक्तदान करने का सबसे बड़ा फायदा है कि आपके खून की सर्कुलेशन बहुत अच्छे तरीके से होती है। पुराना खून शरीर में से निकलकर नया खून बनता है। तो चलिए आज ही अपने मन में से सारे बेतुके सवाल जवाब छोड़कर खून दान करने का मन बनाइए। न जाने आपके 1 बोतल खून दान करने से किसी घर का चिराग बुझने से बच जाए। 

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