गुलाब की लाल पंखुड़ियों के प्रयोग से त्वचा संबंधी विभिन्न रोगों को दूर किया जा सकता है। गुलाब की पंखुड़ियां जहां त्वचा को ठंडक पहुंचाती है वहीं इससे बने गुलकंद से हाज्मे संबंधी समस्याओं से भी निजात पाई जा सकती है। सीने में जलन, जी मिचलाना, गले में जलन इत्यादि रोगों में भी गुलाब की पंखुड़ियों का रस अमृत का काम करता है।
- शरीर पर दाद-खुजली होने पर गुलाब का अर्क नींबू के रस में मिलाकर लगाने से दाद-खुजली ठीक हो जाती है।
- गुलाब जल में 1 कप संतरे का रस, 1/4 चूने का पानी थोड़ा सा मिला कर इस मिश्रण का 2 बार सेवन करने से जी मिचलाने, गले में जलन व सीने में जलन जैसी समस्याओं से निजात पाई जा सकती है।
- जिनको हाजमे की शिकायत रहती है वह खाना-खाने के बाद गुलकंद खाएं हाजमा ठीक हो जाता है।
- कान में दर्द होने पर उससे राहत पाने के लिए गुलाब की पत्तियों के रस की कुछ बूंदे डालने पर बहुत जल्द आराम मिलेगा।
- गुलाब के फूल, लौंग, चीनी और गुलाब जल की बूंदों को मिलाकर गोलियां बनाएं। मुंह से बदबू आने पर उन्हें चूसे मुंह की दुर्गंध इससे दूर होगी।
- शरीर में जलन और बेचैनी होने पर गुलाबजल में चंदन को मिलाकर जलन वाले स्थान पर लेप करें जल्द ही आराम मिलेगा।
- गर्मी के मौसम में गुलाब के अर्क को चंदन के तेल में मिलाकर मालिश करने से त्वचा संबंधी परेशानी में आराम मिलता है।
- सिर दर्द होने पर सफेद चंदन में कपूर और गुलाब जल मिलाकर माथे पर लगाएं सिर दर्द झटपट ठीक होगा।
- अत्याधिक गर्मी लगने पर या गर्मी की एलर्जी होने पर 10 ग्राम गुलाब की पंखुड़ी, 5 इलायची और काली मिर्च, 10 ग्राम मिश्री लेकर इन सब चीजों को पीस कर हर चार घंटे में पानी के साथ लें। बहुत जल्द आराम मिलेगा।
शीतल जोशी