नारी डेस्क: इस साल नवरात्रि की अष्टमी तिथि को लेकर लोगों में भारी कन्फ्यूजन है कि यह 10 अक्टूबर को है या 11 अक्टूबर को। इस विशेष पर्व पर सही तिथि का निर्धारण महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल पूजा की विधि को प्रभावित करता है, बल्कि भक्तों की श्रद्धा और आस्था को भी प्रभावित करता है। आइए, हम इस कन्फ्यूजन को दूर करते हैं और अष्टमी पूजन का शुभ मुहूर्त जानने की कोशिश करते हैं।
नवरात्रि का शुभारंभ और समापन
इस साल 3 अक्टूबर 2024 से शुरू हुए शारदीय नवरात्रि का समापन नवमी तिथि के दिन 11 अक्टूबर 2024 को कन्या पूजन करने के बाद होगा। तिथि के अनुसार, आज नवरात्रि का 8वां दिन है, और विधान के अनुसार आज अष्टमी पूजा होनी चाहिए। लेकिन क्यों ऐसा नहीं हो रहा है?
तिथि और मुहूर्त का महत्व
हिंदू धर्म में पूजा का समय तिथि के आधार पर निर्धारित होता है। कभी-कभी किसी तिथि का कुछ हिस्सा एक दिन में और कुछ हिस्सा अगले दिन में आता है, जिसे संधि काल कहा जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पूजा-पाठ, व्रत और उपाय आदि को वास्तविक तिथि के दिन शुभ मुहूर्त में करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो मान्यता है कि ये अधूरे रह जाते हैं या निष्फल हो जाते हैं।
उदयातिथि नियम क्या है?
उदयातिथि का सरल अर्थ है कि जिस दिन सूर्य उदय होता है, उसी दिन की तिथि मानी जाती है। उदाहरण के लिए, यदि 10 अक्टूबर को सूर्योदय के बाद अष्टमी तिथि शुरू होती है और यह 11 अक्टूबर को सूर्योदय के बाद समाप्त होती है, तो इस तिथि की गणना 11 अक्टूबर को की जाएगी।
नवरात्रि अष्टमी 2024 कब है?
सनातन पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि, जिसे महाअष्टमी भी कहते हैं, का आरंभ 10 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:31 बजे से हो रहा है, जो अगले दिन 11 अक्टूबर को दोपहर 12:06 बजे तक रहेगी। इसलिए, उदयातिथि के अनुसार अष्टमी व्रत की पूजा 11 अक्टूबर 2024 को करना शुभ माना जा रहा है।
महाअष्टमी 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त
शुक्रवार, 11 अक्टूबर, 2024 को नवरात्रि महाअष्टमी के दिन माता दुर्गा की पूजा के लिए
निम्नलिखित तीन शुभ मुहूर्त हैं
प्रात: काल मुहूर्त: 06:20 से 07:47, उन्नति मुहूर्त: 07:47 से 09:14 और अमृत मुहूर्त: 09:14 से 10:41 इन शुभ मुहूर्तों में पूजा करने से माता दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अष्टमी पूजा का महत्व
नवरात्रि के नौ दिनों में शक्ति के विभिन्न रूपों की उपासना की जाती है। अष्टमी का दिन विशेष रूप से माता दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन की पूजा करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अष्टमी पूजा का महत्त्व
1. उपासना विधि अष्टमी पूजा में विशेष रूप से काले चने और हलवे का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है।
2. कन्या पूजन इस दिन कन्याओं का पूजन करना भी एक महत्वपूर्ण परंपरा है। मान्यता है कि इससे माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
3. ध्यान और साधना पूजा से पहले ध्यान और साधना करना आवश्यक है, जिससे मन में एकाग्रता और श्रद्धा बनी रहे।
इस साल नवरात्रि के अष्टमी पूजा को लेकर जो कन्फ्यूजन है, उसे समझने के लिए तिथि और मुहूर्त का महत्व जानना आवश्यक है। सही समय पर पूजा करने से भक्तों को देवी मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। माता दुर्गा का आशीर्वाद सभी पर बना रहे, यही हमारी शुभकामना है।