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नाक और गले की एलर्जी के लक्षण और उपचार

  • Updated: 09 Jul, 2015 10:13 AM
नाक और गले की एलर्जी के लक्षण और उपचार

जब कभी बाहरी कण (एलर्जन्स) हमारे शरीर में दाखिल होते हैं तो ये हमारे शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली को संवेदनशील बना देते हैं । दोबारा ये शरीर में दाखिल होते हैं तो पहले से संवेदनशील प्रतिरोधक प्रणाली इनसे प्रतिक्रिया करती है जिसे एलर्जी कहते हैं । नाक की एलर्जी दो तरह की होती है- मौसम के बदलने पर पराग (पोलेन एलर्जी) जैसे फूलों और पौधों का पराग से और दूसरी हमेशा रहने वाली एलर्जी जो धूल, मिट्टी, सिगरेट के धुएं, साबुन, टूथपेस्ट, कॉस्मैटिक्स आदि से होती है ।

लक्षण : नाक में खुजली, ज्यादा छींकें आना, नाक बहना, नाक बंद रहना, सूंघने की शक्ति कम होना, आंखों से पानी आना, कान भारी होना ।
गले की एलर्जी खाने वाली चीजों से होती हैं । इसमें गले में खारिश (खरखरी), घुटन, सूजन व निगलने में तकलीफ होती है, कभी-कभी सांस लेने में भी तकलीफ हो जाती है । 

उपचार
खून की जांच : सबसे पहले हम खून में ए.ई.सी. व आई.जी.ई. का स्तर देखते हैं । ए.ई.सी. (एब्सोल्यूट इसीनोफिल काऊंट) एलर्जी के सैल होते हैं व आई.जी.ई. एलर्जी की एंटीबायोटिक होती है । एलर्जी में दोनों का स्तर बढ़ जाता है ।

एंटी एलर्जिक दवाइयां : जब एलर्जी होती है हम तुरन्त ये दवाइयां देकर रोगी को ठीक कर देते हैं परन्तु आगे जाकर रोगी को एलर्जी न हो, ऐसा इन दवाइयों से संभव नहीं है । इसके लिए यह जरूरी हो जाता है कि हमें पता चल जाए कि हमें किन-किन चीजों से एलर्जी है । इसका पता लगाने के लिए एलर्जी पैनल टैस्ट करना पड़ता है । इसके विभिन्न पैनल ये हैं-फूड पैनल (वैज, नॉन वैज), पोलेन्स (पराग) एंड कांटैक्ट्स पैनल, कॉस्मैटिक्स, ड्रग्ज । 

परीक्षण कैसे करते हैं?
टैस्ट खून का नमूना लेकर होता है जिससे पता चल जाता है कि रोगी को किस-किस चीज से कितनी-कितनी एलर्जी है । 

इम्यूनोथैरेपी (एलर्जी उपचार)
कई बार एलर्जी करने वाली चीजों से परहेज मुश्किल होता है तो इसके लिए इम्यूनोथैरेपी की जाती है । इसमें रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जाती है । एलर्जी पैनल टैस्ट रिपोर्ट के अनुसार वैक्सीन तैयार करके रोगी को ओरल ड्राप्स या टीकों (चमड़ी के नीचे) की शक्ल में दी जाती है । मात्रा व समय निर्धारित किया जाता है व एलर्जी जड़ से खत्म हो जाती है । यदि समय पर उपचार न किया जाए तो रोगी को गंभीर संक्रमण हो सकता है । लगातार एलर्जी से दमा हो जाता है ।                        

—डा. एस.एस. आनंद 

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