आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों सिर्फ पुरुषों के लिए नहीं महिलाओं के लिए भी बनाई है। उन्होनें महिलाओं के बारे में भी बहुत सी बातें बोली है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि स्त्री अपने गुण और अवगुणों से पूरे परिवार को प्रभावित करती है। उनका कहना है कि एक ग्रहणी की भी बहुत से अहम भूमिकाएं होती है और उनकी ऐसी बहुत सी आदतें होती है जिसके चलते वो परेशान रहती हैं। तो चलिए आपको बताते हैं ऐसी तीन आदतों के बारे में जिनके चलते वो परेशान रहती हैं।
कुछ फैसलों में मजूबरी में हां कहना
कहा जाता है कि सुखी वैवाहिक जीवन के लिए बेहद जरुरी है कि पति-पत्नी हर फैसले में एक मत रखें। आचार्य मानते हैं कि कई बार महिलाएं परिवार या पति के सामने अपनी बात नहीं रख पाती है और परिवार में लड़ाई झगड़े ना हो इसके लिए अगर कोई फैसला उनको पंसद ना हो फिर भी उसमें हामी भर देती हैं। जिसके बाद उनको पछतावा होता है। आचार्य कहते हैं कि चाहे पुरुष हो या स्त्री उन्हें अपनी परिस्ठितियों के अनुरुप अपनी बात रखनी आनी चाहिए। अपनी बात रखनें से कई बार आप कुछ गलत करने से बच सकते हैं।
झूठ बोलने की आदत
अनृतं साहसं माया मूर्खत्वमतिलोभिता- ये श्लोक आचार्य चाणक्य का है, इसमें वो कहते हैं कि कई बातों में महिला झुठ बोल जाती है। हालांकि उनका ये भी कहना है कि झूठ बोलने की आदत पुरुषों में भी होती है, लेकिन अगर घर में महिलाएं भी झूठ बोलने लगीं तो उनके साथ-साथ उनके परिवार के लोग को भी परेशानी उठानी पड़ सकती है। वो कहते हैं कि झूठ कुछ समय के लिए खुश करता है लेकिन सच ज्यादा दिन तक छिपा नहीं रहता है। महिलाएं और पुरुषों दोनों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए।
खुद की सेहत का ख्याल ना रखना
चाणक्य कहते हैं कि स्त्रियां अपनी सेहत का ख्याल नहीं रखतीं। महिलाओं को अपनी बीमारी छिपाने की आदत होती है, वो अकसर तबीयत खराब होने पर इसका जिक्र पति या परिवार से नहीं करती, वो खुद ही तनाव झेलती हैं।
इसकी वजह से उनके साथ-साथ परिवार को भी पीड़ा भुगतनी पड़ती है।