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दुखद घटना:  ट्रैफिक जाम ने ले जी जान, 4 घंटे तक एम्बुलेंस में दर्द से चिखती रही महिला

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 11 Aug, 2025 10:01 AM
दुखद घटना:  ट्रैफिक जाम ने ले जी जान, 4 घंटे तक एम्बुलेंस में दर्द से चिखती रही महिला

नारी डेस्क: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से एक बेहद ही दर्दनाक खबर सामने आई है। यहा जाम में फसी एक महिला ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। अपनी आंखों के सामने पत्नी को खोने वाले शख्स ने कहा कि  “अगर सिर्फ आधे घंटे पहले अस्पताल पहुँंचे होते, तो शायद उनकी पत्नी आज उनके साथ होती है ”। इस घटना ने मन में डर पैदा करने के साथ- साथ कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। 


पेड़ गिरने से घायल हुई महिला

दरअसल पालघर की निवासी 49 वर्षीय छाया पुरवाल, एक पेड़ की शाखा गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें  लगभग 100 किमी की दूरी मुंबई के हिन्दुजा अस्पताल ले जाया जाना था। जब एंबुलेंस रास्ते पर निकली तब ठाणे-घोड़बंदर हाईवे पर गड्ढों के कारण लंबा जाम लगा हुआ था। एंबुलेंस 4 घंटे तक जाम में फसी रही। हादसे के कारण   छाया की उनकी पसलियों, कंधों और सिर में चोटें आईं थी। 


4 घंटे तक जाम में फसी रही एंबुलेंस

जैसे ही एनेस्थीसिया का असर खत्म हुआ, छाया पुरब को असहनीय दर्द होने लगा। उनकी हालत बिगड़ती गई। हालत बिगड़ने पर एंबुलेंस को ओरबिट हॉस्पिटल (मीरा रोड) की ओर मोड़ा गया, जो हिन्दुजा से लगभग 30 किमी दूर था। दुर्घटना स्थल से यहां पहुँचने तक काफी देर हो चुकी थी और डॉक्टरों ने छाया को मृत घोषित कर दिया गया। महिला के पति ने बताया-  रास्तों पर गड्ढे इतनी ज्यादा थे कि उसका दर्द बढ़ता चला गया और उसे मल्टीपल अटैक आ गए।  वह इतनी ज्यादा दर्द में थी कि मुझे मार रही थी, दांत से काट रही थी, रो रही थी कि उसे जल्दी अस्पताल पहुंचाया जाए और फिर तड़प-तड़प कर उसकी मौत हो गई। 


 ट्रॉमा सेंटर न होने के कारण गई महिला की जान

पालघर में ट्रॉमा सेंटर का अभाव है, जिससे घायलों को मुंबई तक ले जाना पड़ता है जिससे जीवन पर खतरनाक असर होता है। इस घटनाक्रम ने ग्रामीण स्वास्थ्य संरचना में सुधार की तत्काल आवश्यकता को उजागर किया है। पालघर जैसे इलाकों में पुलिस और प्रशासन दोनों को अत्याधुनिक ट्रॉमा सेंटर, संकटकालीन मार्ग प्रबंधन, और बेहतर एम्बुलेंस व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। महिला के पति का कहना है कि मेरी यही दरखास्त है कि  रास्ते सही कर दीजिए, ताकि और किसी की इस तरह जान न जाए। 
 

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