नारी डेस्क: आस्ट्रेलिया की सरकार ने दावा कि वह सोशल मीडिया तक बच्चों की पहुंच के लिए न्यूनतम उम्र निर्धारित करने को लेकर इस वर्ष कानून बनाएगी। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने कहा कि सरकार जल्द ही बच्चों को सोशल मीडिया अकाउंट खोलने से रोकने के लिए उम्र सत्यापन तकनीक का परीक्षण करेगी। कई देश और अमेरिकी राज्य बच्चों को सोशल मीडिया से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए कानून बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
बच्चों को लेकर पेरेंट्स की बढ़ी चिंता
ऑस्ट्रेलिया ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब अभिभावक अपने बच्चों के लिए ऑनलाइन सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। वहीं, विपक्षी पार्टी ने वादा किया है कि अगले साल मई में चुनाव के बाद सत्ता में आने पर वह 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाएगी। साउथ ऑस्ट्रेलिया राज्य ने हाल में एक कानून प्रस्तावित किया है जिसके तहत उन सोशल मीडिया कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाएगा जो 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अपने प्लेटफॉर्म पर पहुंच प्रदान करेंगी।
इस तरह रखें बच्चों काे सोशल मीडिया से दूर
प्रधानमंत्री ने कहा- ‘‘हम जानते हैं कि कई युवाओं को ऐसी चीज से जूझना पड़ रहा है, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। ऑनलाइन डराने- धमकाने की चीजें हो सकती हैं, ऐसी सामग्री तक पहुंच हो सकती है जो सामाजिक रूप से नुकसान पहुंचाती हों और अभिभावक इस पर कार्रवाई चाहते हैं।'' बच्चों को सोशल मीडिया की लत से दूर कर खेलकूद की ओर आकर्षित करना एक चुनौतीपूर्ण काम हो सकता है, लेकिन सही दिशा-निर्देश और सकारात्मक माहौल से यह संभव है। बच्चों को शारीरिक गतिविधियों और खेलकूद में रुचि दिलाने के लिए कुछ उपाय हैं जो उनकी सेहत और मानसिक विकास के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
खेल का महत्व समझाएं
बच्चों को खेलकूद के शारीरिक और मानसिक लाभों के बारे में बताएं। यह समझाएं कि खेल न केवल फिटनेस बनाए रखता है, बल्कि उनके आत्मविश्वास, टीमवर्क, और लीडरशिप स्किल्स को भी बढ़ाता है। सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। खेलों से जुड़े महान खिलाड़ियों की कहानियां और उनकी सफलता से बच्चों को प्रेरित करें। जैसे क्रिकेट में विराट कोहली, फुटबॉल में लियोनेल मेसी, या बैडमिंटन में पीवी सिंधु जैसी हस्तियों का उदाहरण दें। इससे बच्चे खेल में रुचि लेने लगते हैं।
सकारात्मक माहौल बनाएं
बच्चों को खेलकूद के प्रति प्रोत्साहित करें और उनका हौसला बढ़ाएं। जब वे किसी खेल में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उनकी सराहना करें। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे और बेहतर करने की कोशिश करेंगे। बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल का एक निश्चित समय तय करें। खेलकूद के लिए दिन में कुछ घंटे अलग रखें ताकि बच्चे शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। नियमित दिनचर्या बनाने से सोशल मीडिया की लत को नियंत्रित करना आसान हो जाता है।
खुद भी हिस्सा लें
यदि माता-पिता खुद खेलों में रुचि दिखाते हैं या बच्चों के साथ खेलते हैं, तो बच्चे भी उनसे प्रेरित होते हैं। परिवार के साथ कोई आउटडोर एक्टिविटी करना बच्चों के लिए मनोरंजक और सीखने का एक बढ़िया माध्यम हो सकता है। खेल को बच्चों के लिए मजेदार बनाएं। उन्हें उनके दोस्तों के साथ खेलने दें, प्रतियोगिताएं आयोजित करें, और छोटे-छोटे पुरस्कार दें। इससे खेल उनके लिए एक मनोरंजक गतिविधि बन जाएगी, और वे इसे पसंद करने लगेंगे।
स्कूल और समुदाय में खेलकूद का हिस्सा बनाएं
स्कूल के खेल आयोजनों और स्थानीय खेल क्लब्स में बच्चों को शामिल करें। इससे उन्हें नए दोस्तों से मिलने का मौका मिलेगा और वे टीमवर्क और अनुशासन सीखेंगे। परिवार के साथ आउटडोर ट्रिप, हाइकिंग, साइकिलिंग जैसी गतिविधियों की योजना बनाएं। यह बच्चों के लिए सोशल मीडिया से ध्यान हटाने और प्रकृति के साथ जुड़ने का एक शानदार तरीका हो सकता है। बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखना आसान नहीं है, लेकिन उन्हें खेलकूद की दुनिया से परिचित कराना उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।