फैन की चिंता उस समय बढ़ गई जब बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के स्वास्थ्य को लेकर बड़ी खबर सामने आई। बिग बी की तबीयत ठीक नहीं है उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 81 साल के उम्र में उन्होंने एंजियोप्लास्टी सर्जरी कराई है, जिसकी जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर की गई है।
बॉलीवुड के शहंशाह के सुबह करीब 6 बजे एंजियोप्लास्टी सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। खबरें हैं कि उनकी तबीयत अब बिल्कुल ठीक है। इसी बीच बिग बी ने भी एक ट्वीट कर लिखा- 'आपका हमेशा आभार। उनके इस ट्वीट से कयास लगाया जा रहा है कि उन्होंने सर्जरी के बाद अपने फैंस और चाहने वालों का आभार जताया है। अब ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर यह सर्जरी है क्या और इसकी कब जरूरत पड़ती है। चलिए हम देते हैं इसकी जानकारी।
क्या है एंजियोप्लास्टी
एंजियोप्लास्टी एक ऐसी सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें हृदय की मांसपेशियों तक ब्लड सप्लाई करने वाली रक्त वाहिकाओं को खोला जाता है। जब किसी व्यक्ति का ह्र्दय सुचारू रूप से काम नहीं करता है और वहां तक खून का प्रवाह भी रुक जाता है तो इस स्थिति में एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी करवाई जाती है। हार्ट अटैक के बाद आमतौर पर डॉक्टर्स एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी कराने की सलाह देते हैं।
कब की जाती है एंजियोप्लास्टी?
-दिल को सुचारू रूप से चलाने के लिए एंजियोप्लास्टी किया जाता है।
-ह्र्दय रोग से पीड़ित व्यक्ति पर जब दवाइयों का भी कोई असर नहीं पड़ता है तो इस स्थिति में एंजियोप्लास्टी की जाती है।
-इसके अलावा दिल में हमेशा दर्द रहता है या बार बार अचानक ही दर्द शुरू हो जाता है तो इस स्थिति में भी डॉक्टर्स एंजियोप्लास्टी करवाने की सलाह देते हैं।
-जब हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति की बायीं ओर रक्त ले आने वाली धमनियां काम नहीं करती हैं तो इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को एंजियोप्लास्टी सर्जरी करवानी पड़ती है।
कैसे होती है एंजियोप्लास्टी?
बताया जाता है कि एंजियोप्लास्टी करने में करीब 1 से 2 घंटे का समय लगता है, लेकिन सर्जरी के बाद व्यक्ति को रिकवर होने में 15 से 16 घंटे भी लग सकते हैं। कोरोनरी एंजियोप्लास्टी दिल के स्वास्थ्य के लिए इस्तेमाल होने वाली सबसे कॉमन प्रक्रिया है, इस सर्जरी में एक कैथेटर जिसे लंबी ट्यूब कहते हैं इसके टिप पर एक बैलून बंधा होता है और फिर मरीज के बांह या जांघ के पास एक पतला चीरा लगाकर इसे क्षतिग्रस्त जगह पर पहुंचाया जाता है। जब ये ट्यूब सही जगह पर पहुंच जाता है तो इसमें लगे बलून को फुलाया जाता है जब ये बलून फूलता है तब धमनी में मौजूद प्लाक दबने लगते हैं और खून का प्रवाह ठीक होने लगता है।