नारी डेस्क : बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं को अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस दौरान शरीर और मन दोनों पर गहरा असर पड़ता है। बच्चे की देखभाल में अक्सर महिलाएं खुद की सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं, जिससे कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि डिलीवरी के बाद अगर कुछ लक्षण दिखें, तो उन्हें अनदेखा न करें।
मानसिक समस्याएं (Postpartum Depression)
बच्चे के जन्म के बाद हार्मोनल बदलाव और भावनात्मक उतार-चढ़ाव आम हैं, लेकिन अगर उदासी, चिड़चिड़ापन या थकान लंबे समय तक बनी रहे तो यह पोस्टपार्टम डिप्रेशन हो सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर 7 में से 1 महिला को डिलीवरी के बाद डिप्रेशन और एंग्जायटी का सामना करना पड़ता है। इसके लक्षण हैं — बेवजह रोना, नींद की कमी, चीजों में रुचि कम होना और आत्मविश्वास की कमी।

दर्द और ब्लीडिंग (Pain and Bleeding)
अगर डिलीवरी के बाद लगातार तेज दर्द या अत्यधिक ब्लीडिंग हो रही है, तो यह इंफेक्शन का संकेत हो सकता है। पेट में दर्द, बुखार या बदबूदार डिस्चार्ज दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डिलीवरी के छह हफ्ते बाद भी भारी ब्लीडिंग रहना हॉर्मोनल असंतुलन या रिटेंड प्लेसेंटा टिश्यू का संकेत हो सकता है।
पेल्विक फ्लोर और ब्लैडर की समस्या (Pelvic Floor and Bladder Problems)
डिलीवरी के बाद पेल्विक फ्लोर मसल्स कमजोर हो सकती हैं, जिससे यूरिन लीकेज या प्रोलैप्स की दिक्कत होती है। समय रहते डॉक्टर से सलाह लेने पर यह समस्याएं आसानी से ठीक हो सकती हैं। सही फिजियोथेरपी और एक्सरसाइज से पेल्विक हेल्थ दोबारा मजबूत बन सकती है।

थायराइड और हॉर्मोनल बदलाव (Thyroid and Hormonal Changes)
प्रेगनेंसी के बाद थायराइड ग्लैंड पर असर पड़ सकता है। इसे पोस्टपार्टम थायराइडाइटिस कहा जाता है। इसके लक्षण हैं — थकान, मूड स्विंग, वजन बढ़ना या घटना, और बाल झड़ना। लक्षणों की अनदेखी आगे चलकर स्थायी थायराइड रोग में बदल सकती है।
नींद और पोषण की कमी (Lack of Sleep and Nutrition)
नवजात की देखभाल में मां को नींद पूरी नहीं मिल पाती। नींद की कमी से इम्यूनिटी कमजोर होती है और मिल्क प्रोडक्शन पर असर पड़ता है। साथ ही अगर आहार संतुलित न हो तो आयरन और विटामिन्स की कमी भी हो सकती है। इसलिए पौष्टिक भोजन, पर्याप्त आराम और पानी का सेवन बेहद जरूरी है।

प्रेगनेंसी के बाद जानें क्या करना चाहिए
प्रेगनेंसी के बाद महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नियमित रूप से ब्लड टेस्ट करवाना और डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है। आहार में संतुलित भोजन शामिल करें, जिसमें आयरन और प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा हो ताकि शरीर को ताकत मिले। पर्याप्त नींद लें और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें, क्योंकि थकान और तनाव इस समय आम हैं। अगर किसी भी तरह के असामान्य लक्षण जैसे अत्यधिक दर्द, ब्लीडिंग, या थकान महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।