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कोई बनी पहली महिला डॉक्टर तो कोई पायलट, ऐसी महिलाएं जिन्होंने रचा इतिहास

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 29 Jun, 2019 04:16 PM
कोई बनी पहली महिला डॉक्टर तो कोई पायलट, ऐसी महिलाएं जिन्होंने रचा इतिहास

आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। बात चाहे राजनीति की हो, विज्ञान, कला या न्याय प्रणाली की। महिलाओं ने हर क्षेत्र में पुरुष वर्चस्व को तोड़ा है। कई महिलाएं तो ऐसी भी हैं, जिन्होंने पहली बार कोई काम करके पुरुष वर्चस्व को चुनौती दी है। चलिए आज हम आपको कुछ ऐसी महिलाओं के बारे में बताते हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्र में पहचान बनाकर ना सिर्फ महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं बल्कि उनके लिए नए रास्ते भी खोलें।

 

एम.सी. मैरीकॉम

एम.सी. मैरीकॉम को भला कौन नहीं जानता। मैरीकॉम की कड़ी मेहनत का सफर, दूसरी महिलाओं को भी प्रेरणा दे रही हैं। उन्होने साल 2002, 2005, 2006, 2008 और 2010 में विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता था, जिसके साथ वह विश्व चैंपियनशिप में सबसे ज्यादा पदक जीतने वाली खिलाड़ी बन गई हैं। उन्होंने 6 स्वर्ण और 1 रजत जीत कर क्यूबी के फेलिक्स सेवोन की बराबरी कर ली है।

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आनंदीबाई जोशी

आनंदीबाई भारतीय इतिहास की पहली महिला डॉक्टर रही हैं। सन 1887 में उन्होंने डॉक्टर की डिग्री प्राप्त की थी। वह पहली भारतीय महिला थी, जिन्होंने पश्चिमी चिकित्सा में प्रशिक्षण हासिल किया था। साथ ही अमेरीका की यात्रा करने वाली भी वह पहली भारतीय महिला थीं।

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आरती गुप्ता साहा

24 सितंबर, 1940को जन्मी आरती गुप्ता पहली एशियाई महिला था, जिन्होंने 29 सितंबर 1959 को इंग्लिश चैनल पार किया था। वह पद्मश्री अवॉर्ड प्राप्त करने वाली भी पहली भारतीय खिलाड़ी थी। कोलकाता में जन्मी आरती ने मात्र 4 साल की उम्र में ही तैराकी सीखनी शुरू कर दी थी। वह भारतीय तौराकी मिहिर सेन से बहुत प्रभावित थीं। उन्हीं से प्रेरणा लेकर उन्होंने इंग्लिश चैनल पार किया था।

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बछेंद्री पाल

1984 में माऊंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला थी बछेंद्री पाल। आगे चलकर उन्होंने 1993, 1994 और 1997 में सिर्फ महिलाओं वाली टीम के अभियानों का नेतृत्व किया था। इन अभियानों में 'इंडो नैपालीज वुमन्स माऊंट एवरेस्ट एक्सपीडिशन', 'द ग्रेट इंडियन वुमन्स राफ्टिंग वोयाज' और 'फर्स्ट इंडियन वुमन ट्रांस हिमायलन एक्सपीडिएशन' आदि प्रमुख थे।

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सरला ठकराल

जब सरका ठकराल की उम्र सिर्फ 21 साल की थी तब उन्हें जहाज उड़ाने का लाइसैंस मिल गया था। वह हवाई जहाज उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला थीं। लाइसैंस मिलने के बाद उन्होंने हवाई जहाज उड़ाने के एक हजार घंटे पूरे किए तथा 'ए" लाइसैंस प्राप्त करने वाली पहली महिला पायलट बनी थीं। वह एयरमेल पायलट का लाइसैंस प्राप्त करने वाली भारतीय महिला भी बनी थीं।

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रीटा फारिया पॉवेल

23 अगस्त, 1943 को गोवा में जन्मी रीटा फायरिया ने 1966 में ईव्स वीकली मिस इंडिया मुकाबला तथा मिस बॉम्बे मुकाबला जीता था। इसी वर्ष उन्होंने वर्ल्ड का खिताब अपने नाम करते हुए यह खिताब जीतने वाली पहली एशियाई महिला होने का गौरव भी प्राप्त किया था। वह पहली मिस वर्ल्ड विजेता थीं, जिन्होंने एक डॉक्टर के तौर पर पर भी क्वालीफाई किया था। वह ग्रांट मैडीकल कॉलेज तथा जे.जे.ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल की छात्रा रही थीं, जहां से उन्होंने एम.बी.बी.एस की डिग्री हासिल की थी।

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अरुणिमा सिन्हा

अरुणिमा सिन्हा पहली दिव्यांग महिला है, जिन्होंने माऊंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर फतेह हासिल की। वह राष्ट्रीय स्तर की वालीबाल खिलाड़ी रह चुकीं है। 2011 में वह जब एक ट्रेन में सफर कर रहीं थी तो कुछ चोरों ने उन्हें चलती गाड़ी से नीते धकेल दिया था, जिस कारण उनकी एक टांग को घुटनों के नीचे से काटना पड़ा था। ऐसी हालत में भी एवरेस्ट को फतेह करके उन्होंने साबित कर दिया कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले किसी भी अर्थ में कम नहीं है।

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भारती सिंह

कॉमेडी की दुनिया की बेमिसाल शख्सियत 'लल्ली' यानी 'भारती सिंह' ने अपने जीवन में इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बड़े संघर्ष किए हैं। 2016 में फोर्ब्स ने टॉप 100 कॉमेडियंस की लिस्ट जारी की थी, जिसमें भारती को 98वीं रेंक हासिल मिली थी। अकसर अपने मोटापे के कारण हीन भावना के शिकार होने वाले लोगों के लिए भारती एक मिसाल हैं। भारती अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां और मोटापे को ही देती हैं।

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