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Periods पर अंधविश्वासी बात कहने वाले स्वामी को महिलाओं का मुंह तोड़ जवाब

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 28 Feb, 2020 07:14 PM
Periods पर अंधविश्वासी बात कहने वाले स्वामी को महिलाओं का मुंह तोड़ जवाब

पीरियड्स एक ऐसी नैचुरल प्रक्रिया है, जिसमें महिलाओं के शरीर का गंदा खून बाहर निकल जाता है लेकिन चांद तक पहुंच चुके भारत के कई जगहों पर आज भी लोग महिलाओं के पीरियड्स से जुड़ी अंधविश्वासों पर विश्वास करते हैं , जैसे इन दिनों किचन में नहीं जाना चाहिए, पौधों को पानी ना देना वगैरह।

 

हाल ही में गुजरात के स्वामी नारायण भुज मंदिर के स्वामी कृष्णस्वरूप दासजी का मानना तो यह है कि मासिक धर्म के समय पतियों के लिए भोजन बनाने वाली महिलाएं अगले जन्म में 'पशु' के रूप में जन्म लेंगी। इतना ही नहीं, अगर पति उनके हाथ का बना भोजन करेंगे तो वो बैल के रूप में पैदा होंगे। स्वामी कृष्णस्वरूप के इस बयान का देश भर में विरोध हुआ।

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वहीं स्वामी कृष्णस्वरूप के इस दकियानुसी बात का जवाब राजधानी दिल्ली की एक NGO की महिलाओं ने बड़े ही अलग अंदाज में दिया। दरअसल, एनजीओ 'सच्ची सहेली' की ओर से 23 फरवरी को पीरियड फीस्ट का आयोजन किया गया, जिसमें 28 महिलाओं से खाना बनवाया गया। खास बात यह थी कि खाना बनाने वाली महिलाओं का पीरियड चल रहा था।

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उनके हाथों बना भोजन खाने के लिए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित करीब 300 लोग पहुंचे। NGO की फाउंडर व गायनेकोलॉजिस्ट सुरभि सिंह का कहना है कि उन्होंने इस इवेंट का आयोजन महिलाओं के मासिक धर्म के सम्मान के लिए किया था। यह स्वामी कृष्णास्वरूप की रूढ़िवादी सोच को हमारी ओर से करारा जवाब था।

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इस इवेंट में महिलाओं ने एक एप्रेन पहना था जिसमें लिखा था, 'मैं गर्व करती हूं कि मुझे मासिक धर्म है'। यही नहीं, इवेंट के दौरान एक स्ट्रीट प्ले के जरिए लोगों तक पीरियड से जुड़े मिथकों व अंधविश्वासों के बारे में जागरूकता फैलाई गई। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, 'आज के समय में शुद्ध व अशुद्ध कुछ भी नहीं है। मासिक धर्म तो प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसका सम्मान किया जाना चाहिए।'

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हालांकि यह पहला ऐसा मामला नहीं है, जब महिलाओं के पीरियड्स को लेकर अंधविश्वासी बात कही गई हो। इससे पहले एक आदिवासी इलाके में एक महिला को पीरियड के दौरान फूस के घर में कैद कर दिया गया था। यही नहीं, हाल ही में गुजरात के भुज शहर में एक गर्ल्स इंस्टिट्यूट के 68 लड़कियों से पीरियड के बारे में सवाल जवाब किए गए थे क्योंकि वार्डन को शक था कि कुछ लड़कियां पीरियड्स के दौरान किचन में गई थी।

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भले ही आज जमाना चांद-मंगल पर जाने की बातें कर रहा है लेकिन बावजूद इसके  समाज में आज भी ऐसे लोगों को कमी नही है जो बेतुके अंधविश्वासों पर यकीन किए हुए हैं हालांकि कुछ लोग इन बातों का विरोध भी करते हैं। साल 2019 में अभिषेक वाल्टर ने अपनी छोटी बहन के मन मे पीरियड्स से जुड़ी कुरीति को तोड़ा, जिसका वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। दरअसल, अभिषेक अपनी बहन से पौधों को पानी डालने के लिए कह रहे हैं, लेकिन उनकी बहन मना कर देती हैं क्योंकि उसे पीरियड्स आए हैं और उसे किसी ने यह बताया है कि अगर वो पौधों को पानी डालेगी तो पौधे सूख जाएंगें।

इसके बाद अभिषेक ने अपनी बहन को समझाते हुए कहा- 'ये सब अंधविश्वास है, इनको नहीं मानना चाहिए।'

सदियो से लोग लड़कियों को पीरियड्स के दौरान क्या करना और क्या नहीं करना की हिदायतें देते आ रहे हैं जैसे आचार को हाथ ना लगाना, पूजा घर में ना जाना, पौधो को पानी ना देना, किचन में ना जाना वगैरह। मगर, ये सब बातें समाज की देन हैं जिसे खुद की सोच बदलकर ही बदला जा सकता है।

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