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Padma Awards 2021: पहली महिला सांसद सुमित्रा महाजन, जिन्होंने बिना हारे 8 बार जीते लोकसभा चुनाव

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 26 Jan, 2021 04:22 PM
Padma Awards 2021: पहली महिला सांसद सुमित्रा महाजन, जिन्होंने बिना हारे 8 बार जीते लोकसभा चुनाव

कल पद्म पुरस्कार 2021 लिस्ट का ऐलान किया गया, जिसके मुताबिक 102 लोगों को पद्म सम्मान मिलेगा। इसमें पद्म श्री अवॉर्ड पाने वाली 27 और पद्मभूषण अवॉर्ड पाने वाली 2 महिलाओं के नाम शामिल है। पद्म भूषण अवॉर्ड केरल की भारतीय पार्श्व गायिका कृष्णन नायर शांताकुमारी और 16वीं लोकसभा में अध्यक्ष बनीं देश की दूसरी महिला सुमित्रा ताई यानि सुमित्रा महाजन को दिया जाएगा।

लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन भी देश की ताकतवर महिलाओं में से एक हैं। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा पिछले 30 सालों के दौरान हुए 8 संसदीय चुनावों में मध्य प्रदेश के इंदौर क्षेत्र में निरंतर विजय रही हैं। 'ताई' के नाम से मशहूर 75 वर्षीय भाजपा नेता सुमित्रा ऐसी महिला है, जो अपने कार्यकाल के दौरान एक भी लोकसभा चुनाव नहीं हारी। वह वर्तमान में इंदौर लोकसभा से सांसद और लोकसभा अध्यक्ष भी हैं। बता दें कि वह लोकसभा की अध्यक्ष बनने वाली भारत की दूसरी महिला हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं सुमिता महाजन की जिंदगी से जुड़ी कुछ ऐसी बातें, जो शायद ही आपको पता हो।

छोटी उम्र में ही खो दिए माता-पिता

सुमित्रा महाजन का जन्म महाराष्ट्र के चिपलुन में 12 अप्रैल, 1943 को हुआ था। उनके पिता श्री पुरुषोत्तम नीलकंठ साठे संघ के प्रचारक थे और माता श्रीमती उषा देवी हाउसवाइफ थीं। छोटी उम्र में ही इनकी माता का देहांत हो गया और जब यह 15 साल की हुई तो इनके पिता भी दुनिया छोड़ गए। भाई-बहनों का साथ रहने के कारण इनके सफर की मंजिल थोड़ी आसान हुई।

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पढ़ाई व शादी

उन्होंने इंदौर की देवी आहिल्या बाई यूनिवर्सिटी से M.A और LLB की पढ़ाई की है। शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होंने 29 जनवरी 1965 को इंदौर के वकील श्री जयंत महाजन से शादी कर ली। शादी के बाद उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा। मराठी परिवार से ताल्लुक होने के चलते सुमित्रा की मराठी वोटों पर अच्छी पकड़ रही है। उनके दो बेटे मिलिंद और मंदार हैं। मिलिंद आईटी प्रोफेशनल के साथ बिजनेस करते हैं तो वहीं मंदार कमर्शियल पायलट हैं।

 

नहीं लड़ना चाहती थी लोकसभा चुनाव

उन्होंने बताया कि वह पहले लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव नहीं लड़ना चाहती थी। दरअसल, इससे पहले इंदौर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से वो लगातार 3 विधान सभा चुनाव हार चुकी थीं इसलिए उनका मन यह चुनाव लड़ने का नहीं था। मगर एक बीजेपी के नेता के कहने पर उन्होंने चुनाव में खड़े होने का फैसला किया और जीत भी प्राप्त की।

 

देवी आहिल्या बाई को मानती हैं आदर्श

सुमिता महाजन देवी आहिल्या बाई को अपना आदर्श मानती हैं और उन्हीं के बताए गए सिद्धांतों पर ही चलती हैं।

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लगातार सांसद बनने वाली पहली महिला

वह लोकसभा की अध्यक्ष बनने वाली भारत की दूसरी महिला हैं। सुमित्रा लगातार 5 से अधिक बार सांसद का चुनाव जीतकर देश की पहली महिला बन गईं। वह अभी तक 8 बार सांसद बन चुकी हैं। इतना ही नहीं, वह पहली ऐसी महिला है, जो अपने संसदीय क्षेत्र में सुमित्रा ताई के नाम से जानी जाती हैं।

 

लगातार 8 बार इंदौर से जीती हैं सुमित्रा महाजन

बता दें कि सुमित्रा महाजन ने साल 2014 में 16वीं लोकसभा के चुनावों में इंदौर क्षेत्र से जब जीत दर्ज की थी, तब वह एक ही सीट व पार्टी के टिकट पर लगातार 8 बार लोकसभा पहुंचने वाली देश की पहली महिला सांसद बनीं थीं। मूलतः महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाली सुमित्रा महाजन वर्ष 1965 में विवाह के बाद अपने ससुराल इंदौर में बस गईं थीं। उन्होंने वर्ष 1989 में इंदौर लोकसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़कर अपने तत्कालीन मुख्य प्रतिद्वंद्वी व कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रकाशचंद्र सेठी को हराया था।

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महिला कल्याण के क्षेत्र में भी सक्रिय

भाजपा नेता महिला कल्याण और सामाजिक सुधारों के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। सुमित्रा महिला सशक्तीकरण पर संयुक्त समिति व महिलाओं से जुड़े कानूनों (आपराधिक कानूनों) के मूल्यांकन पर बनी उपसमिति से भी जुड़ी रही हैं। वे सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण पर बनी समिति व ग्रामीण विकास की स्थायी समिति की अध्यक्ष भी रही हैं

 

कविता और नाटक में भी है रूची

मीरा कुमार के बाद सुमित्रा महाजन दूसरी महिला लोकसभा स्पीकर हैं। इतना ही नहीं, वह वे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की हेड मास्टर बनी हैं। उनकी रुचि मराठी साहित्य, कविता और नाटक में है। वे कई सांस्कृतिक संगठनों से जुड़ी हैं।
 

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