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बचपन की इन आदतों का रिश्ते पर पड़ता हैं गहरा असर

  • Updated: 15 Jan, 2017 12:01 PM
बचपन की इन आदतों का रिश्ते पर पड़ता हैं गहरा असर

पेरेंटिंगः बचपन के गलियारों से गुजरते हुए जब हम युवावस्था की दहलीज पर पहुंचते हैं, तो हमारे संग कई अच्छी और बुरी आदतें भी होती हैं, जोकि हमारे व्यक्तित्व का हिस्सा बन चुकी होती हैं और जिनका हमारे रिश्तों पर गहरा असर पड़ता है। ऐसे में आवश्यक है कि बच्चों में कुछ ऐसी आदतों का विकास किया जाए, जिससे कि वे जीवन के हर रिश्ते को सहेजना सीख जाएं।


1. आदतों का नाकारात्मक प्रभाव
क्या आप जानते हैं कि बचपन में पड़ी उनकी आदतों का उनके जीवन में नाकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है।

2.शेयरिंग न करने की आदत 
बच्चे स्कूल में दोस्तों के बीच और घर में भाई-बहनों के साथ शेयरिंग की आदत सीखते हैं, परंतु कुछ बच्चे इस आदत को अपना नहीं पाते, क्योंकि दूसरों के लिए त्याग करना या अपने अहं को छोड़ पाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता।
प्रभाव - शादी के बाद वे अपने पार्टनर के साथ भी अपनी चीजें शेयर करना पसंद नहीं करते तथा पार्टनर का उनकी चीजों पर अधिकार जमाना शुरू कर देते है।

3. झूठ बोलने की आदत 
गलती करने पर अपनी गलती को छुपाने के लिए यदि उनमें बचपन से ही झूठ बोलने की आदत पड़ जाती है, तो वह उसके रिश्ते को भी प्रभावित करती है।
प्रभाव- शादी के बाद भी पति-पत्नी अपनी छोटी-छोटी गलतियों को स्वीकार नहीं करते और अक्सर झूठ बोलते हैं। 

4. तहजीब ना होना
बच्चों को बचपन से ही तहजीब और तमीज सिखाई जाती है, किससे किस तरह बात करनी चाहिए या किसके साथ कैसा व्यवहार करना है, यदि ये आदतें बच्चो को ना सिखाई जाएं, तो वह बदतमीजी से बात कर हर किसी को उल्टा जवाब देना सीखेगा।
प्रभाव -आगे चल कर वह अपने पार्टनर को भी उल्टा जवाब देगा और उसे नीचा दिखाने की कोशिश करेगा।

5. फैंटेसी में जीना 
बचपन की कहानियां सुन कर सपनों का राजकुमार और ख्वाबों की मल्लिका की चाह रखने वाले ब‘चे फैंटेसी में ही जीना पसंद करते हैं, हकीकत से कोसों दूर उनके सपनों की एक दुनिया होती है, जिसे वे सच मानते हैं।
प्रभाव- शादी के बाद अपने पार्टनर में अपने ख्वाबों का हमसफर न मिलने पर ये पार्टनर को अपने सपनों जैसा बनाने की कोशिश में उस पर अपनी पसंद-नापसंद थोपने लगते हैं।

6. अकेले और चुपचाप रहना 
जिन बच्चों में आत्म विश्वास की कमी होती हैै और दूसरों पर विश्वास नहीं कर पाते, ऐसे बच्चे चुपचाप और अकेले रहना पसंद करते हैं, जो धीरे-धीर उनके व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाता है।
प्रभाव - अक्सर देखा गया है कि शादी के बाद ऐसे लोगों में पार्टनर का साथ एवं प्रोत्साहन पा कर उनमें आत्म विश्वास पैदा होता है और वे एक दूसरे पर विश्वास करना भी सीखने लगते हैं।

7. कमियां एवं नुक्स निकालना 
दूसरे बच्चों की कमियां निकाल कर उन्हें नीचा दिखाना अक्सर बहुत से बच्चों की आदत बन जाती है।
प्रभाव - यह ऐसी आदत है, जो किसी भी रिश्ते में दरार डाल सकती है, हर समय पार्टनर की कमियों को गिनाने से उसका आत्म विश्वास टूटने लगता है।

 

 

                                                                                                                                                                                 - हेमा शर्मा
 

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