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लालबागचा राजा को क्यों पहनाई गई बैंगनी रंग की ही धोती ? आज जान लीजिए इसका रहस्य

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 28 Aug, 2025 01:42 PM
लालबागचा राजा को क्यों पहनाई गई बैंगनी रंग की ही धोती ? आज जान लीजिए इसका रहस्य

नारी डेस्क:  महाराष्ट्र में पूरे धूमधाम से दस दिवसीय गणेश उत्सव का आरंभ हो गया है। अब हर जगह ‘गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया' के जयघोष सुनाई दे रहे हें। इस दौरान सबसे ज्यादा भीड़ रहती है लालबाग के राजा (मुंबई का सबसे प्रसिद्ध गणपति मंडल) पर जो हर साल  अपनी सजावट और शृंगार की वजह से चर्चा में रहते हैं। हर बार की तरह इस बार भी बप्पा  सोने के मुकुट, बैंगनी रंग की धोती, सोने के हार और चक्र में सजे नजर आ रहे हैं। आज आपको बताते हैं बप्पा की इस बैंगनी रंग की धोती की खासियत।

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हर साल धोती का रंग होता है अलग

90 सालों से लाल बाग की प्रतिमा बना रहे कांबली परिवार के संतोष रतनाकर कांबली का कहना है कि वह मूर्ति को ऐसा बनाते हैं जिससे भक्त बप्पा के साथ जुड़ जाएं। हर बार बप्पा की धोती का रंग अलग होता है। इस बार वह पर्पल कलर की वेलवेट धाेती में नजर आए जो इस प्रतिमा को रॉयल बनाने का काम कर रही है। धोती पर लगा गोल्ड सीक्वेंस इस लुक को और खास बना रहा है।

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बैंगनी रंग का महत्व

बैंगनी रंग राजसी और भव्यता से जुड़ा है, इसलिए इसे ऐश्वर्य और सम्पन्नता का रंग माना जाता है।  यह रंग मन को शांत और संतुलित करता है। ध्यान और साधना में भी बैंगनी रंग का उपयोग मन की एकाग्रता बढ़ाने के लिए किया जाता है।  पुराने समय में बैंगनी रंग सिर्फ राजाओं और उच्च वर्ग के लोग पहनते थे, इसलिए यह प्रतिष्ठा और गौरव का भी प्रतीक है। इसी कारण गणपति बप्पा को बैंगनी धोती पहनाना धन, शांति और वैभव की कामना का संकेत माना जाता है।

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सोने का मुकुट और गहने

गणपति को ‘राजा’ का दर्जा दिया गया है, इसलिए सोने का मुकुट उनके राजसी स्वरूप को दर्शाता है। सोना मंगल, पवित्रता और दिव्यता का भी प्रतीक है। मुकुट ही नहीं बप्पा के गहने भी सोने के हैं, क्योंकि हार संपन्नता और ऐश्वर्य दर्शाता है। गणपति जी के हाथ में चक्र इस बात का संकेत है कि वे भक्तों को हर संकट से बचाएंगे।
 

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