नारी डेस्क: मां बनना एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण यात्रा होती है, जिसमें कई सवाल और चिंताएं सामने आती हैं। नवजात शिशु की देखभाल, पोषण, और स्वास्थ्य को लेकर नई मांओं के मन में अनेक प्रश्न उठते हैं। इनमें से एक प्रश्न यह भी है कि क्या जन्म के तुरंत बाद शिशु को जन्म घुट्टी देना सुरक्षित है या नहीं। यह परंपरागत मान्यता है कि जन्म घुट्टी से बच्चे की सेहत में सुधार होता है और बीमारियों का खतरा कम होता है, लेकिन क्या यह सच में सुरक्षित है? आइए, इस पर एक गहरी नज़र डालते हैं।
जन्म घुट्टी क्या है?
जन्म घुट्टी एक पारंपरिक आयुर्वेदिक मिश्रण है, जिसे शिशु को जन्म के तुरंत बाद पिलाया जाता है। इसमें शहद, चीनी, प्रिजर्वेटिव, और कई तरह के हर्ब्स मिलाए जाते हैं। इसे आमतौर पर बच्चों को सेहतमंद रखने के लिए और बीमारियों से बचाने के लिए दिया जाता है।
जन्म घुट्टी देने के कारण
नवजात शिशु की पाचन प्रणाली जन्म के तुरंत बाद ही सक्रिय हो जाती है। पहले छह महीने तक, शिशु की पाचन क्रिया केवल मां के दूध को ही पचा पाती है। जन्म घुट्टी में शामिल सामग्री, जैसे शहद और हर्ब्स, शिशु की कोमल पाचन प्रणाली पर बुरा असर डाल सकती है। शिशु को जन्म घुट्टी देने के बजाय, माता-पिता को चाहिए कि वे केवल मां के दूध पर ध्यान दें। मां का दूध नवजात शिशु के लिए सबसे अच्छा पोषण है, जो उसके स्वास्थ्य और विकास के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व प्रदान करता है। इसके अलावा, शिशु के स्वास्थ्य और विकास को सुनिश्चित करने के लिए नियमित डॉक्टर के चेकअप और सही देखभाल पर ध्यान देना चाहिए।
जन्म घुट्टी के संभावित खतरों
जन्म घुट्टी का शिशु के पाचन तंत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। नवजात शिशुओं का पाचन तंत्र बहुत संवेदनशील होता है और जन्म के बाद उसे केवल मां के दूध की आवश्यकता होती है। जन्म घुट्टी में शहद, चीनी, और हर्ब्स शिशु के छोटे पाचन तंत्र के लिए उपयुक्त नहीं होते और इनका सेवन करने से शिशु की पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, जन्म घुट्टी में प्रयुक्त प्रिजर्वेटिव्स और हर्बल तत्वों की वजह से शिशु को एलर्जी, पेट दर्द, या अन्य स्वास्थ्य समस्याए हो सकती हैं। इन संभावित खतरों को देखते हुए, जन्म के तुरंत बाद शिशु को जन्म घुट्टी देने से बचने की सलाह देते हैं, ताकि शिशु का स्वास्थ्य और विकास सुरक्षित रहे।
बच्चों को जन्म घुट्टी देने के नुकसान
1. एलर्जी का जोखिम जन्म घुट्टी में प्रयुक्त आयुर्वेदिक हर्ब्स और अन्य सामग्री बच्चों के शरीर में जाकर एलर्जिक रिएक्शन उत्पन्न कर सकती है। इससे त्वचा पर दाने, खुजली, या अन्य शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।
2. वैज्ञानिक प्रमाण की कमी जन्म घुट्टी देने से बच्चों को किसी तरह का स्पष्ट लाभ होता है, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इस प्रकार के पारंपरिक उपचारों का प्रभाव शिशु के स्वास्थ्य पर कितना होता है, यह अभी तक अनुसंधान के माध्यम से प्रमाणित नहीं किया गया है।
3. बोटुलिज्म का जोखिम जन्म घुट्टी बनाने में शहद का उपयोग किया जाता है, जो नवजात शिशुओं में बोटुलिज्म का जोखिम पैदा कर सकता है। बोटुलिज्म एक गंभीर और संभावित जीवन-धमकाने वाली स्थिति है जो बोटुलिनम बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न होती है और नवजात शिशुओं के लिए विशेष रूप से खतरनाक हो सकती है।
जन्म घुट्टी के परंपरागत उपयोग की बजाए, यह बेहतर होगा कि आप अपने नवजात शिशु को केवल मां का दूध ही दें और शिशु के स्वास्थ्य के लिए डॉक्टर की सलाह पर ध्यान दें। जन्म घुट्टी देने के खतरों को समझते हुए, यह तय करना चाहिए कि आपके बच्चे के लिए क्या सबसे अच्छा है।