आज यानि के 12 मई को दुनिया भर में मदर्स डे मनाया जा रहा है। आज के दिन सभी मां के प्रति अपना सम्मान और प्यार को जाहिर करते हैं। मां हर दिन अपने बच्चों की खुशी के लिए क्या नहीं करती लेकिन आज के दिन सभी लोग अपनी मां के लिए तरह-तरह की चीजें करते हैं जिससे उन्हें बता सकें की आपकी जिंदगी में उनकी क्या अहमियत है। वैसे ये दिन तो हर कोई सेलिब्रेट करता है लेकिन क्या आपको पता है की मदर्स डे कब से और क्यों मनाया जाता है। यक़ीनन आप सभी इस खास दिन का इतिहास नहीं जानते होंगे। तो चलिए मदर्स डे के खास मौके पर हम आपको आज बताते हैं की ये दिन क्यों और कब मनाया जाने लगा।
मदर्स डे का इतिहास
मदर्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिकन महिला एना जार्विस ने की थी। हालांकि, मातृत्व दिवस को मनाने की शुरुआत औपचारिक रूप से 9 मई 1914 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने की थी। उस समय अमेरिकी संसद में कानून पास करके हर साल मई के महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने का फैसला लिया गया था। उसी समय से अमेरिका, यूरोप और भारत सहित कई देशों में मई के महीने के दूसरे संडे को मदर्स डे मनाया जाने लगा।
महीने के दूसरे संडे को ही क्यों मनाया जाता है मदर्स डे?
बता दें की मदर्स डे कि शुरुआत एक अमेरिकन एक्टिविस्ट एना जार्विस ने की थी। एना जार्विस को अपनी मां से बेहद लगाव था। जार्विस अपनी मां के साथ ही रहती थी और उन्होंने कभी शादी भी नहीं की थी। मां के गुजर जाने के बाद एना ने मां के प्रति प्यार जताने के लिए मदर्स डे की शुरुआत की थी। इसके लिए एना ने इस तरह की तारीख चुनी कि वह उनकी मां की पुण्यतिथि 9 मई के आस-पास ही पड़े। उसी समय से हर साल मई माह के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है।
प्रचलित परम्पराएं
यूरोप और ब्रिटेन में कई प्रचलित परम्पराएं हैं, जहां ईस्टर संडे के 3 सप्ताह पहले महीने के चौथे रविवार का दिन मां के सम्मान में मनाया जाता है, जिसे मदरिंग सन्डे कहा जाता है। यूरोप में इस दिन को मदरिंग संडे कहा जाता है, तो वहीं ईसाई समुदाय से जुड़े बहुत लोग इस दिन को वर्जिन मेरी के नाम से भी पुकारते हैं।