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National Epilepsy Day: मिर्गी का दौरा पड़ने पर क्या करें और क्या नहीं?

  • Edited By Sunita Rajput,
  • Updated: 17 Nov, 2018 05:38 PM
National Epilepsy Day: मिर्गी का दौरा पड़ने पर क्या करें और क्या नहीं?

मिर्गी एक ब्रेन डिजीज है। इस बीमारी में व्यक्ति अचानक दौरा पड़ने पर अपना दिमागी संतुलन खो बैठता है। रोगी का शरीर कांपने और हाथ-पैर अकड़ने लगते हैं। मिर्गी के दौरे के आने पर कई लोग मरीज को 'गंदे मोज़े या जूते' सुंघाते हैं, जो बिलकुल गलत है। इस वक्त मरीज को तुरंत ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। ऐसी ही जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए हर साल 17 नवंबर को National Epilepsy Day मनाया जाता है। इस दिन लोगों को मिर्गी के प्रति जागरुक किया जाता है।

 

1. ब्रेन डिजीज है मिर्गी, व्यक्ति खो देता है अपना कंट्रोल
मिर्गी दिमाग की नसों से जुड़ी बीमारी है जिसे ऐपिलेप्सी भी कहा जाता है। इस बीमारी में मरीज को 30 सैकेंड से लेकर 2 मिनट तक का दौरा पड़ता है, जिसमें वह अपनी सुध-बुध खोकर बेहोश हो जाता है। मिर्गी का असर व्यक्ति के शरीर के किसी एक हिस्से जैसे, चेहरे, हाथ या पैर पर ज्यादा देखने को मिलता है।
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मिर्गी के लक्षण 
- मरीज का बेहोश होना
- दांत भिंचना
- शरीर लडख़ड़ाना
- मुंह से झाग निकलना
- लगातार एक ही तरफ देखते रहना


2. मिर्गी का दौरा पड़ने के कारण
'न्यूरॉन्स' के सही सिग्नल देने से हमारा मस्तिष्क काम करता है। जब इसमें किसी तरह की बाधा आ जाती है तो दिमाग धीरे-धीरे अपना काम करना बंद कर देता है, जिस वजह से रोगी को मिर्गी आ जाती है। इसके अलावा सिर पर चोट लगने, ज्यादा शराब पीने, ब्रेन ट्यूमर, लकवे या मासिक धर्म में गड़बड़ी और मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी होने पर मिर्गी का दौरा पड़ सकता है। 

 

3. मिर्गी पड़ने पर क्या करें 
- अगर मरीज घायल है तो उसे को धीरे-धीरे सु‍रक्षित नीचे रखें, ताकि उसे कोई चोट न लगे। 
- दौरा खत्‍म होने के बाद मरीज को रिक्वरी पॉजिशन पर रखें। 

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- मिर्गी का दौरा पांच मिनट से अधिक देर तक जारी रहता है तो एम्बुलेंस बुलाए, ताकि इलाज तुरंत शुरू हो जाए।

 

4. मिर्गी पड़ने पर क्या न करें
- व्यक्ति के मुंह में कुछ डालने की न करें
- मरीज को मूव न करना
- पूरी तरह से ठीक हुए बिना मरीज को कुछ भी न खिलाए-पिलाए। 
- उसे रिक्वरी अवस्था में वापस लाने की कोशिश भी न करें। 

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5. मिर्गी से रोकथाम के उपाय
- पहले या दूसरे दौरे के बाद डॉक्टर की बताई दवाएं लेने से कुछ मामलों में मिर्गी को रोका जा सकता है। 
- प्रेग्नेंसी से पहले सही तरह देखभाल करके बच्चे को इस बीमारी से बचाया जा सकता है।  
- हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, संक्रमण और अन्य विकारों का सही उपचार करके भी मिर्गी के कई मामलों को रोका जा सकता है।

 

6. मिर्गी के लिए करें घरेलू उपचार 


- तुलसी और सीताफल
मिर्गी का दौरा पड़ने पर तुलसी का रस और सेंधा नमक मिलाकर रोगी के नाक में डालें। अगर तुलसी का पौधा न हो तो सीताफल के पत्ते का रस भी डाल सकते हैं।

 

- करौंदा
करौंदे के पत्तों से चटनी बना कर खिलाएं। अगर मरीज इसे रोजाना खाएगा तो उसे बहुत जल्दी फायदा मिलेगा।

 

- सफेद प्याज
मिर्गी से छुटकारा पाने के लिए रोज सफेद प्याज के रस का 1 चम्मच रोगी को पिलाएं।

 

- शहतूत और अंगूर का रस
शहतूत और अंगूर का रस भी मिर्गी के रोग में फायदेमंद है। रोजाना सुबह रोगी को शहतूत और अंगूर का रस पिलाएं।

 

- पेठा या कद्दू
पेठे या कद्दू का जूस बना कर पिलाने से भी रोगी को फायदा मिलेगा। इस जूस का टेस्ट बढ़ाने के लिए चीनी और मुलहटी का पाउडर मिक्स करें। 

 

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