जैसा कि आप सब जानते ही हैं वास्तु शास्त्र का सीधा संबंध हमारे जीवन से है। ऐसा कहा जाता है कि घर में रखी हर एक वस्तु अगर वास्तु के हिसाब से हो तो घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। तो वहीं अगर वास्तु का ध्यान व रखा जाए तो ये दुखों का कारण भी बन सकता है। अगर हम किचन की बात करते हैं तो ये हमेशा वास्तु नियमों के अनुसार ही बनाने की सलाह दी जाती है, ताकि घर में किसी तरह को कोई समस्या न आए। जिस तरह रसाई के लिए वास्तु के नियमों का पालन करना जरूरी है, उसी प्रकार यहां इस्तेमाल होने वाले बर्तन और बाकी सब के लिए भी वास्तु के कुछ नियम बनाए गए हैं।
वास्तु के अनुसार, किचन में जिन बर्तनों का इस्तेमाल करें वो कभी भी चटके, दरार पड़े हुए या टूटे हुए नहीं चाहिए। ऐसे बर्तन घर में नकारात्मकता लाते हैं और शांति को कम करते हैं। उसलिए अगर आपके घर की रसोई में भी ऐसे बर्तन हैं तो उन्हें तुरंत ही रसोई से बाहर कर दें। कांच और मिट्टी के टूटे या दरार पड़े हुए बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसे बर्तन घर के लोगों को कंगाल बना सकते हैं।
तवो इस्तेमाल करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि ये हमेशा समतल होना चाहिए। रसोई में कभी भी ऐसा तवा न रखें जो नीचे से टेढ़ा मेढ़ा हो।
ऐसा कहा जाता है कि चांदी के बर्तन इस्तेमाल करना शुभ होता है। ऐसा भी कहा जाता है कि चांंदी के बर्तनों का इस्तेमाल करने से व्यक्ति का मन स्वस्थ और मजबूत बनता है।
वास्तु के अनुसार अगर आप मिट्टी के बर्तनों का उपयोग में ले रहे हैं तो ये पंचतत्वों की सबसे मुख्य चीज मानी जाती है। हमारा शरीर उन्हीं पांच तत्वों से मिलकर बना है इसलिए ऐसे बर्तन शरीर का संतुलन बनाए रखने में मददगार साबित होते हैं।
नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए रात के समय में कभी भी जूठे बर्तन रसोई में या फिर सिंक में नहीं छोड़ने चाहिए।
इस बात का खास ख्याल रखें कि इस्तेमाल होने वाला चकला कभी भी टूटा हुआ नहीं होना चाहिए। साथ ही साथ रोटी बेलते समय आवाज भी नहीं आनी चाहिए। ऐसे चकले को घर से तुरंत हटा दें जो कि इस्तेमाल करते वक्त आवाज करता हो।
घर में अगर स्टील की जगह तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल करेंगे तो ये आपको सेहमंद बनाने में मददगार रहेगा। दरअसल इस तरह के बर्तनों को सूर्य का कारक माना जाता है जो रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता हैं।
घर में इस्तेमाल किए जाने वाला तवा लोहे का होना चाहिए। क्योंकि इसे शनि का कारक माना जाता है। इसलिए कभी भी गंदे और जले हुए तवे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। तवा इस्तेमाल करने के बाद अच्छी तरह से धोकर ही रखना अच्छा रहता है।
कभी भी तवा और चकला सिंक में ज्यादा देर के लिए न छोड़ें। इस्तेमाल के बाद तुरंत ही इन्हें साफ करके रख दें। लेकिन तवा के इस्तेमाल के तुरंत बाद इस पर पानी न डालें बल्कि इसके ठंडा होने का इंतजार करें। ऐसा माना जाता है कि गंदा और आटा लगा हुआ चकला घर के लिए दुखों का कारण बन सकता है।
किसी भी कीमत पर किचन में जंग लगे बर्तनों जैसे चाकू, चम्मच आदि का इस्तेमाल न करें। ऐसे बर्तन घर में नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकते हैं और इससे दरिद्रता भी आती है।
किचन में बर्तनों की अलमारी हमेशा दक्षिण और पश्चिमी दीवार पर होनी चाहिए। अगर ये उत्तरी और पूर्वी दीवारों पर होंगे तो उसे वास्तु के हिसाब से अशुभ माना जाता है।
कभी भी गैस के ठीक ऊपर बर्तन रखने का स्थान नहीं होना चाहिए। ये धन-धान्य में नुकसान का कारण बन सकता है। बर्तन रखने की जगह गैस से दूर ही होनी चाहिए।