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छोटे बच्चों में भी बढ़ रहा स्वाइन फ्लू का खतरा, जानें बचाव के आसान तरीके

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 12 Mar, 2019 01:15 PM
छोटे बच्चों में भी बढ़ रहा स्वाइन फ्लू का खतरा, जानें बचाव के आसान तरीके

आजकल मौसम में हो रहे बदलावों की वजह से स्वाइन फ्लू का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। भारत में स्वाइन फ्लू के मरीजों की गिनती हर साल बढ़ रही है लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि स्वाइन फ्लू बच्चों को भी अपना शिकार बना रहा है। हाल ही में एक ड़ेढ साल के बच्चे को भी स्वाइन फ्लू होने का मामला सामने आया है। ऐसे में इसके लक्षणों में से अगर 2 भी बच्चे में दिखे तो बिना लापरवाही किए तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। आज हम आपको बच्चों में स्वाइन फ्लू के लक्षण, कारण और इससे बचने के तरीके बता रहे हैं।

 

स्‍वाइन फ्लू क्‍या है?

स्‍वाइन फ्लू नामक बीमारी तेजी से अपने पैर पसार रही है। स्वाइन फ्लू का वायरस बहुत संक्रामक है। यह फ्लू एच1एन1 वायरस के सहारे एक इंसान से दूसरे इंसान के बीच बहुत तेजी से फैलता है।

 

लक्षण

स्वाइन फ्लू में 100 डिग्री से ज्यादा का बुखार आना आम बात है। साथ ही सांस लेने में तकलीफ, नाक से पानी बहना, भूख न लगना, गले में जलन और दर्द, सिरदर्द, जोड़ों में सूजन, उल्टी और डायरिया भी हो सकता है। स्वाइन फ्लू से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि यह लाइलाज बीमारी नहीं है। थोड़ी सी एहतियात बरतकर इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।

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कारण

स्वाइन फ्लू का वायरस बेहद संक्रामक है और एक इंसान से दूसरे इंसान तक बहुत तेज़ी से फैलता है। जब कोई खांसता या छींकता है तो छोटी बूंदे थोड़े समय के लिए हवा में फैल जाती हैं और बाद में किसी सतह पर बैठ जाती है। हवा में फैली हुई बूंदे किसी भी इंसान को संक्रमित कर सकती हैं अगर वह एक घंटे के भीतर संक्रमित बूंदो को अपनी सांस के भीतर लेता है। 

 

पीड़ित बच्चे की देखभाल

अगर आपको बच्चे में स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखते है तो बिना देरी किए अपने डॉक्टर से संपर्क करें और बच्चे का इलाज शुरू कर दें। अगर आपको लग रहा है कि बच्चे को फ्लू नहीं है लेकिन उसे बुखार, कफ, ठण्ड या उल्टी हो रही है तो बच्चे को बहुत सारा पानी पीने को कहें और ज्यादा से ज्यादा आराम कराएं। 

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बचाव के अन्य तरीके

 

वेंटीलेशन रखें

भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बच्चों को ना जाने दें। घर में हवा के गुजरने का इंतजाम करें। कम से कम दिन में तीन-चार घंटे तक हवा का अच्छी तरह से संचार होना ज़रूरी होता है।

 

फल खिलाएं

बच्चों को फलों में संतरा, मीठा नींबू, स्ट्रॉबेरी, आंवला, और रंगीन सब्ज़ियों में कद्दू, मीठा आलू, गाजर और बीटरूट आदि खिला सकते हैं। ये फ्रूट्स बच्चो को संक्रमित होने से बचाते हैं।

 

खिलौने साफ रखें

आमतौर पर लोग बच्चों के चीजों को साफ रखना भूल जाते हैं। यहां तक कि दरवाजे की कुंडी या नॉब, टेबल के ऊपर या बिस्तर के किनारे, फर्निचर आदि को भी साफ रखना जरूरी होता है क्योंकि वहाँ बच्चों का हाथ सबसे ज़्यादा जाता है।

 

जिंक युक्त फूड्स

जिंक शरीर की इम्युनिटी को स्ट्रोंग बनाए रखने में मदद करता है जिससे फ्लू और दूसरे बीमारियों से बच्चों को कुछ हद तक दूर रखा जा सकता है। बच्चों को जिंक युक्त खाद्द जैसे- सेरल, नट्स, कद्दू, मशरूम और तिल आदि खिलाने की कोशिश करनी चाहिए।

 

नाक की सफाई रखें

बच्चे के नाक और उसके आस-पास के जगह की सफाई का ध्यान रखें क्योंकि नाक से ही फ्लू सीधा शरीर में जाता है। जब भी बच्चे बाहर से आए गर्म पानी में भिगोये हुए नैपकीन और नरम कपड़े से नाक और नाक के भीतर अच्छी तरह से साफ कर दें।

 

गर्म पानी का इस्तेमाल

बच्चों के खिलौने ब्लीचिंग पाउडर से साफ कर देने चाहिए। बच्चों के जीभ साफ करने वाली चीज और ब्रश को भी हमेशा इस्तेमाल कर पहले गर्म पानी से धो लेना चाहिए।

 

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