
नारी डेस्क: ट्रैवलिंग के लिए हवाई यात्रा सबसे सुविधाजनक मानी जाती है। पर अकसर माता-पिता के मन में सवाल उठते हैं कि छोटे बच्चे के लिए विमान यात्रा सुरक्षित होती है क्या नहीं? अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चे को जन्म के कुछ सप्ताह बाद, यानी 2 से 3 महीने की उम्र के बाद ही फ्लाइट से यात्रा करवा सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस उम्र तक बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) थोड़ी विकसित हो जाती है और वह भीड़भाड़ वाली जगहों पर संक्रमण से बेहतर तरीके से बच सकता है।
यह भी पढ़ें: इन पेड़ों के कारण भी घर में रहती है हमेशा टैंशन
नवजात शिशु और फ्लाइट के नियम
कुछ एयरलाइंस 2 दिन के नवजात शिशु को भी यात्रा की अनुमति देती हैं, लेकिन यह स्वास्थ्य की दृष्टि से सही नहीं माना जाता। नवजात शिशुओं का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है, और एयरपोर्ट जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों पर उन्हें इंफेक्शन का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में यात्रा से पहले बाल रोग विशेषज्ञ (Pediatrician) से सलाह जरूर लें। बच्चे की सेहत के अनुसार डॉक्टर यह तय कर सकते हैं कि वह उड़ान के लिए फिट है या नहीं।
एयरलाइन की पॉलिसी जानें
हर एयरलाइन के नियम अलग होते हैं। कुछ एयरलाइंस 2 हफ्ते के बाद, तो कुछ 7 दिन के नवजात को ही अनुमति देती हैं। फ्लाइट के दौरान जरूरी चीज़ें साथ रखें जैसे- डायपर, दूध या फॉर्मूला, बर्प क्लॉथ, गर्म कपड़े, पेसिफायर, इत्यादि।
यह भी पढ़ें: महिलाओं की सेहत के लिए सेफ नहीं है Night shift
फ्लाइट में इन बातों का ध्यान रखें
टेक-ऑफ और लैंडिंग के समय बच्चे के कानों में प्रेशर महसूस हो सकता है, जिससे वो रोने लगते हैं। इसे कम करने के लिए उसे फीड कराएं या पेसिफायर दें। बच्चे को ज़्यादा से ज़्यादा कंपोर्ट में रखें और ज्यादा भीड़भाड़ या शोरगुल से दूर रखें। बच्चे की पहली फ्लाइट यात्रा के लिए 2-3 महीने की उम्र सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इससे कम उम्र में यात्रा केवल तभी करनी चाहिए जब यह जरूरी हो और डॉक्टर की सलाह मिल जाए। सुरक्षित और सुखद यात्रा के लिए तैयारी और सावधानी बेहद जरूरी है।