कैंसर एक ऐसी नामुराद बीमारी जिसका नाम सुनते ही मरीज अधमरा हो जाता है। इस बीमारी ने भारत में तेजी से पैर पसारने शुरू कर दिए हैं जिसका कारण कैंसर के प्रति जागरुकता की कमी और बिगड़ता लाइफस्टाइल है। महिलाओं की बात करें तो ब्रेस्ट कैंसर, यूट्रस कैंसर, सर्वाइकल कैंसर तेजी से महिलाओं को अपना निशाना बना रहे हैं।
बढ़ता प्रदूषण, मिलावटी खाना, प्रदूषित पानी और खराब लाइफस्टाइल, सब इस बीमारी को जन्म देता हैं। इसके अलावा आपकी रसोई में ही ऐसी कई चीजें उपलब्ध हैं जो इस बीमारी को बढ़ावा देने का काम कर रही हैं। इस ना मुराद बीमारी से आपका घर सुरक्षित रहे इसलिए इन चीजों को आज नहीं बल्कि अभी निकाल फैंके।
1. प्लास्टिक की बोतलें और कंटेनर
आमतौर पर प्लास्टिक के डिब्बे, बोतलें आपको हर रसोई में मिल जाएंगे लेकिन यह कैंसर सेल्स बनाने वाली सबसे बड़ी जड़ है। यह इम्यूनिटी और हार्मोंस को प्रभावित करती है। प्लास्टिक के कंटेनर्स में खाने को बार-बार गर्म किया जाए तो उससे भी टॉक्सिन्स निकलते हैं जिससे कैंसर नहीं अन्य कई बीमारियां भी हो सकती है।
क्या करेंः इसकी जगह पर कांच या चीनी मिट्टी के बर्तन इस्तेमाल करें।
2. किचन का गंदा कपड़ा
भारतीय महिलाएं अपने किचन को साफ-सुथरा रखती हैं लेकिन क्लीनिंग के लिए यूज होने वाले डस्टिंग क्लॉथ को साफ करना भूल जाती हैं। जो सबसे ज्यादा गंदा होता है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रसोई में यूज होने वाला क्लीनिंग कपड़ा 98% प्रदूषित होता हैं, जो फूड प्वाइजनिंग के साथ कैंसर का कारण भी बन सकता है।
क्या करें: कपड़े को रोजाना डिटर्जेंट से साफ करें और धूप में सुखाएं।
4. गंदा व टैप वॉटर
दूषित पानी भी इसका एक बड़ा कारण है। दूषित पानी में कई ऐसे कीटाणु और जहरीले तत्व पाए गए हैं, जो कैंसर सेल्स को बढ़ावा देते हैं।
क्या करें: पानी को उबाल कर पीएं।
5. प्रोसेस्ड मीट व फूड्स
प्रोसेस्ड मीट से कोलोरेक्टल और पेट के कैंसर का खतरा हो सकता है। एक शोध के मुताबिक, 10% लोग सिर्फ प्रोसेस्ड फूड की वजह से कैंसर का शिकार हो रहे हैं। दरअसल, इनमें शुगर, तेल या फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।
क्या करें: बचाव के लिए प्रोसेस्ड मीट के सेवन कम करें।
6. डिब्बाबंद फूड्स
समय की तंगी के चलते लोग बने बनाए खाने पर निर्भर होते जा रहे हैं लेकिन डिब्बा बंद चीजें आपके सेहत के लिए अच्छी नहीं। किण्वित खाद्य पदार्थ (Fermented Foods) में नाइट्राइट और नाइट्रेट की उच्च मात्रा होती है। वहीं डिब्बा बंद फूड्स में बिसफेनोल ए नामक कैमिकल पाया जाता है, जोकि कैंसर का कारण बनता है।
क्या करें: घर पर ही ताजी चीजें बनाकर खाएं। डिब्बाबंद चीजों से दूर रहें।
7. टूटी हुई क्रॉकरी
अब आप सोच रहे होंगे टूटी हुई क्रॉकरी से भला कैंसर सेल्स कैसे फैलेंगे तो बता दें कि टूटी क्रॉकरी कभी पूरी तरह साफ नहीं होती और गंदगी और जर्म्स उसमें साफ जमा होते रहते हैं।
क्या करेंः टूटी क्रॉकरी का इस्तेमाल ना करें।
8. एल्युमीनियम फॉयल पेपर
अभी तक रोटी इसी पेपर में फोल्ड करके खा रहे हैं तो आज ही बंद कर दें। WHO के मुताबिक, इंसान के शरीर के लिए सिर्फ 50 मिलिग्राम एल्युमीनियम ही स्वीकार्य है और स्टडी के मुताबिक,ऐल्युमीनियम फॉइल में लिपटे खाने में 2 से 5 मिलीग्राम ऐल्युमीनियम होता है जो ब्रेन के साथ-साथ हड्डियों के लिए भी नुकसानदेह है।
क्या करेंः इसकी जगह बटर पेपर या कॉटन के कपड़े का इस्तेमाल करें
9. रिफाइंड ऑयल
रिफाइंड ऑयल से बदबू दूर करने के लिए इसमें हेक्सानॉल नाम के केमिकल से डियोड्राइज्ड किया जाता है। जब यह प्रोसेस्ड रिफाइंड ऑयल तेज तापमान पर गर्म किया जाता है तो वह ऑक्सिडाइज होकर ट्रांस फैट रिलीज करता है जो बॉडी के लिए खतरनाक है और इससे दिल से जुड़ी बीमारियां और कैंसर तक हो सकता है।
क्या करें: सरसों का तेल या ऑलिव ऑयल इस्तेमाल करें
10. नॉन स्टिक कुकवेअर
स्टडी की मानें तो 90 प्रतिशत शहरी घरों में नॉन स्टिक पैन और कुकवेअर इस्तेमाल हो रहे हैं। हाई टेंपरेचर पर यूज करने पर इनकी पीएफसी कोटिंग खराब हो जाती है और अगर यह कोटिंग खाने के साथ शरीर के अंदर जाए तो लिवर डैमेज कर सकती है। इसके अलावा कैंसर और डाइजेस्टिव सिस्टम जैसी परेशानियों का कारण भी बनता है।
इसकी बजाए कच्चा लोहा या ढलवां लोहा या मिट्टी के बर्तन अच्छे माने जाते हैं।
11. एल्युमीनियम के बर्तन
एल्युमीनियम एक तरह का धीमा जहर है। नियमित रूप से लगातार एल्युमीनियम के बर्तन में खाना बनाने या खाने से आपकी किडनी और फेफड़े खराब हो सकते हैं। एल्युमीनियम में दूध भी गर्म नहीं करना चाहिए।
क्या करें: इनकी जगह मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करें।
12. प्लास्टिक चॉपिंग बोर्ड
सब्जियां काटने के लिए शौक-शौक में प्लास्टिक चॉपिंग बोर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसे अभी किचन से बाहर निकाल फैंके क्योंकि रिसर्च की मानें तो गीले चॉपिंग बोर्ड में बैक्टीरिया होते हैं जो पेट में इंफेक्शन कर सकते हैं।
उपाय: इसकी जगह लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड का इस्तेमाल करें
13. केमिकल युक्त फल व सब्जियां
आप बाजार से जिस फल व सब्जी को ताजा समझकर घर ले आते हैं, उनमें बहुत से केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। कई बार धोने से भी यह केमिकल साफ नहीं होते और कैंसर का कारण बनते हैं।
क्या करें: ऑर्गेनिक फल और सब्जियां खाएं। घर पर ही सब्जियां उगाएं।
इसके अलावा मैदा,नमकीन स्नैक, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, नॉन ऑर्गेनिक फल, रेड मीट भी इसकी वजह से बनते हैं इनका इस्तेमाल कम से कम करें।
14. ब्यूटी प्रॉडक्ट्स
कैमिकल युक्त ज्यादातर ब्यूटी प्रॉडक्ट्स में कैंसर को बढ़ावा देने वाले केमिकल होते हैं। इससे स्किन कैंसर होने का खतरा सबसे अधिक रहता है। हाल ही में अमेरिका व कनाडा में एक रिसर्च हुई जिसमें 80 प्रतिशत नामी कंपनियों के प्रॉडक्ट्स में जहरीले कैमिकल पाए गए। इन प्रोडक्ट्स में फ्लोरीन की मात्रा इतनी ज्यादा थी कि वैज्ञानिक भी हैरान रह गए जो कैंसर, बर्थ डिफेक्ट, लिवर प्रॉब्लम्स, थायराइड, कमजोर इम्यूनिटी और हार्मोन्स में गड़बड़ी का कारण बन सकती है।
कैंसर की महंगी दवाइयां खाने से तो अच्छा है कि आप अपना खान-पान अच्छा रखें। डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, लाल अंगूर, टमाटर, ग्रीन टी, लहसुन हल्दी आदि को अपनी डाइट रुटीन में शामिल करें। प्रदूषण में जाते समय नाक मुंह ढककर रखें।
याद रखिए कैंसर जैसी बीमारी सिर्फ मरीज ही नहीं बल्कि परिवार को भी कमजोर कर देती हैं। खुद का और परिवार का ध्यान रखें। पैकेज अच्छा लगा तो इसे लाइक शेयर और कमेंट करना ना भूले। कैंसर को लेकर अवेरनेस फैलाएं ताकि समय रहते इससे बचा जा सकें।