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Heart Attack का वो Golden Hour जो मरने से बचा सकता है मरीज को, बहुत से लोग है इससे अनजान

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 26 Sep, 2025 12:41 PM
Heart Attack का वो Golden Hour जो मरने से बचा सकता है मरीज को, बहुत से लोग है इससे अनजान

नारी डेस्क: हार्ट अटैक की शुरुआत और उसके बाद के शुरुआती 5 से 15 मिनट बेहद अहम होते हैं। इस समय को अक्सर “गोल्डन मिनट्स” या “गोल्डन ऑवर्स” कहा जाता है। वजह यह है कि इन मिनटों में हृदय की धड़कन बिगड़ने लगती है और रक्त प्रवाह रुक सकता है। अगर तुरंत सही कदम उठाए जाएं तो मरीज की जान बचाई जा सकती है, लेकिन थोड़ी सी लापरवाही या गलत कदम उसकी हालत को और बिगाड़कर मौत का कारण भी बन सकते हैं


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सही कदम क्या हो सकते हैं

ऐसे हलात में तुरंत एम्बुलेंस बुलाकर मरीज को नजदीकी अस्पताल ले जाएं।  मरीज को आराम की स्थिति में लिटाकर रखें, दौड़ने-भागने या घबराने से बचें। अगर डॉक्टर की सलाह से पहले से दवा (जैसे एस्पिरिन) है तो तुरंत मरीज को दें । कार्डियक अरेस्ट होने पर तुरंत सीपीआर (CPR) शुरू करें। 


गलत कदम जो खतरनाक हो सकते हैं

बहुत से लोग घर पर ही घरेलू इलाज करने की कोशिश करते हैं जिससे समय बर्बाद तो होगा ही साथ ही मरीज की तबीयत भी बिगड़ सकती है। मरीज को इधर-उधर घुमाना या देर से अस्पताल ले जाना उसकी जान के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। लापरवाही में लक्षणों को नजरअंदाज करना भी बेहद बड़ी गलती है।  इसलिए, हार्ट अटैक के लक्षण दिखते ही फौरन और सही एक्शन लेना जरूरी है। जितनी जल्दी मेडिकल मदद मिलेगी, उतने ही ज्यादा चांस होंगे कि मरीज की जान बच सके।


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हार्ट अटैक की शुरुआत के मुख्य लक्षण

-सीने के बीचों-बीच भारीपन, दबाव या जलन जैसा दर्द।

-हल्की गतिविधि करने या आराम की स्थिति में भी सांस फूलना।

-अचानक घुटन जैसी स्थिति महसूस होना।

-बिना कारण अचानक ठंडा पसीना आना। अक्सर चेहरा पीला पड़ जाता है और शरीर ठंडा लगने लगता है।

-अचानक सिर हल्का होना, चक्कर आना या गिरने जैसा महसूस होना।

-कई बार पेट में भारीपन, गैस या एसिडिटी जैसी फीलिंग, उल्टी की इच्छा।

-बिना कारण बेचैनी, घबराहट या दिल में अजीब डर महसूस होना।

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