21 जून की तारीख ने पिछले कुछ ही बरस में इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर लिया है। 2015 में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया और देखते ही देखते दुनिया के तमाम देश इस मुहिम में शामिल हो गए।
भारत सहित दुनिया भर में 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में सभी बढ़ चढ़कर शिरकत करते हैं। 21 जून के दिन की एक खासियत है कि यह वर्ष के 365 दिन में सबसे लंबा दिन होता है और योग के निरंतर अभ्यास से व्यक्ति को लंबा जीवन मिलता है इसलिए इस दिन को योग दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया गया।
इस खास दिन पर देश में अलग- अलग नजारे देखने को मिले। भोपाल और नयी दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस भी बुधवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग के रंग में रंगी दिखाई दी। योग को लेकर अनूठे कीर्तिमान रचने का जुनून रखने वाले इंदौर के 60 वर्षीय प्रशिक्षक ने देश की इस अत्याधुनिक ट्रेन में यात्रियों को योग मुद्राओं का अभ्यास कराया।
कृष्णकांत मिश्रा ने बताया कि "वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों को सीट पर बैठे-बैठे और अपने स्थान पर खड़े होकर किए जा सकने वाले योगासन कराए।" गौरतलब है कि मिश्रा हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अनूठे कारनामे कर लोगों का ध्यान खींचते हैं।
वहीं सूरत में एक स्थान पर एक लाख से अधिक लोगों ने एक साथ योग कर ‘‘नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड'' कायम किया गया। इस कार्यक्रम में एक लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया, जिससे पिछला रिकॉर्ड टूट गया। गुजरात में आज 72,000 जगहों पर आयोजित योग दिवस कार्यक्रम में करीब 1.25 करोड़ लोग शामिल हुए।
योग दिवस गांव, कस्बों, शहरों, कॉलेजों, स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों, पुलिस मुख्यालयों, जेलों, पुलिस स्टेशनों और सार्वजनिक स्थानों जैसे बगीचों में भी आयोजित किया गया था। पूरे देशभर से अलग ही नजारा देखने को मिला।