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हथिरा की जुबानी तालिबानी क्रूरता की कहानी:  प्रेगनेंट होने पर भी निकाल ली मेरी दोनों आंखें'

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 20 Aug, 2021 08:11 PM
हथिरा की जुबानी तालिबानी क्रूरता की कहानी:  प्रेगनेंट होने पर भी निकाल ली मेरी दोनों आंखें'

 अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबानियों ने लोगों पर अपना अत्याचार करना शुरू कर दिया है। अफगानी राष्ट्रपति के देश छोड़ते ही तालिबान ने अपना शासन लागू कर नया फरमान भी जारी कर दिया है। नए फरमान से या फिर तालिबान के आने से वहां के लोग इतने भयभीत क्यों है यह आप राजधानी दिल्ली के लाजपत नगर में रह रही अफ़गानी महिला हथिरा हाशमी से सुन सकते हैं।

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तालिबानियों ने हथिरा की निकाल ली थी दोनों आंखे
9 महीने पहले जब हथिरा हाशमी भारत आई थी तब तालिबान की क्रूरता की शिकार हाशमी की दोनो आंखें नही थी। तालिबानियों ने हाशमी की दोनों आंखे निकाल ली थी और उनपर कई हमले किए ऐसा इसलिए क्योंकि वो पुलिस में काम करती थी और महिलाओं के हित के लिए आगे आकर खड़ी होती थी। 

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हथिरा की मुंह तालिबानियो की क्रूरता की कहानी सुन आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। हथिरा ने बताया कि उस पर उस समय हमला किया जब वह दो माह की प्रेगनेंट थी। जब वह भारत आयी तो यहां उन्होंने बेटे को जन्म दिया और बाक़ी पांच बच्चे अभी भी अफगानिस्तान में हैं। उन्हें रोज़ तालिबानियो की तरफ़ से धमकी मिल रही हैं की अपनी मां को बोलो वापिस आए। हथिरा अपने परिवार वालों के लिए बहुत डरी हुई हैं।

बता दें कि हथिरा एकमात्र महिला नहीं हैं जो तालिबानियों का शिकार बनी ऐसी कई हज़ारों महिलाएं जो तालिबानियों  की क्रुरता की शिकार हो चुकी हैं। 

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अपने अंदर के डर को मार सड़कों पर उतरी अफगान महिलाएं
वहीं इस समय अफगानिस्तान की महिलाएं तालिबान के आतंक से अब इतनी तंग आ गई है कि वह अपने अंदर के डर को मारकर बाहर सड़कों पर उतर आई हैं।  गुरुवार को काबुल में बड़ी संख्या में पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी तालिबान के खिलाफ नारे लगाए। इतना ही नहीं काबुल एयरपोर्ट के नज़दीक लोगों ने कारों में सवार होकर एवं पैदल मार्च भी निकाला।

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