अंतरिक्ष में साइंटिस्ट ने कई तरह की खोज की है। फिर चाहे वो किसी ग्रह पर पानी की खोज हो या फिर जीवन की खोज। लेकिन क्या कभी सुना है कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने अंतरिक्ष में किसी तरह की कोई खोज की हो। जी हां, गुजरात के सूरत में हाईस्कूल की दो छात्राओं ले एस्टेरॉइड की खोज की है। इस बात की पुष्टि खुद NASA ने की है। इतना ही नहीं NASA ने तो अंतरिक्ष में मिले एस्टेरॉइड का नाम HLV2514 रखा है।
SPACE इंस्टीट्यूट से ली ट्रेनिंग
वैदेही वेकारिया और राधिका लखानी नाम की लड़कियां पीपी सावनी चैतन्य विद्या संकुल की छात्रा हैं। ये दोनों नासा से संबद्ध ऑल इंडिया एस्टेरॉइड सर्च कैंपेन AIASC का हिस्सा रह चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने स्पेस इंस्टीट्यूट से एस्ट्रॉनामिकल स्टडी की ट्रेनिंग भी ली है। ट्रेनिंग के दौरान ही दोनों ने अंतरिक्ष में इस एस्टेराइड को खोज निकालने का काम किया है।
NASA ने की पुष्टि
मिली जानकारी के मुताबिक इंस्टीट्यूट को एक मेल भेजू गई है। जिसमें IASC के डायरेक्टर डॉ. पैट्रिक मिलर ने कहा है कि पिछले कैंपेन में आपने HLV2514 एस्टेरॉइड की खोज की थी। अभी यह मंगल ग्रह के नजदीक है। जो कुछ ही समय में पृथ्वी को भी पार करके निकल जाएगा।
20 ऑब्जेक्टस किए थे चिन्हित
भावनगर की रहने वाली वैदेही और अमरेली जिले की रहने वाली राधिका का कहना है कि उन्होंने 20 ऑब्जेक्ट्स चिन्हित किए थे। फिलहाल इसका अभी रैंडम नाम रखा गया है। वहीं स्पेस के एजुकेटर आकाश द्विवेदी बताते हैं कि गुजरात में ऐसा पहली बार हुआ है जबकि देश में चार साल बाद किसी एस्टेराइड की खोज की गई है।