आपने अभी तक इतिहास की बहुत सारी रानियों की कहानियां सुनी होगी जिसमें कोई अपने रॉयल फैशन के लिए फेमस थी तो कोई राजनीतिक सूझ-बूझ के लिए लेकिन जिस जांबाज रानी की कहानी आज हम आपको बताने वाले हैं वह इन सब रानियों से बिलकुल अलग थी । जी हां आज की कहानी है अफ्रीका की रानी अमीना की जिन्होंने अपनी जज्बे और हुनर से दुनिया की सोच बदल थी। इसी के साथ रानी व उनके पतियों से जुड़ा रहस्य भी आपको बताते हैं।
अफ्रीका की वो खातून जितना जन्म आधुनिक नाइजीरिया के कडूना प्रांत के जजाउ क्षेत्र में ई. 1533 के करीब हुआ था, जिसे आज जरिया के नाम से जाना जाता है।
अमीना का जन्म रानी बकवा द हाबे की कोख से हुआ था। रानी बकवा अपने ससुर व पति की मौत के बाद जजाऊ साम्राज्य पर राज कर रही थी। अमीना 16 साल की थी जब उनकी मां राज्य की रानी बन चुकी थीं। कुशल शासक के गुण अमीना को मां से भी मिले। एक रानी के तौर पर अपनी जिम्मेदारियां कैसे निभानी हैं वो सब उन्होंने अपनी मां से सीखा और अपने दादा हाबे ज़ज्जाऊ नोहिर के साथ स्टेट मीटिंग में जाया करती थी जहां से उन्हें राजनीतिक व कूटनीतिक गुण सीखने को मिले थे। अमीना ने बचपन से ही योद्धा की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी और सताधारी होने के गुण सीखने शुरू कर दिए थे।
मां के बाद अमीना के भाई करामा ने शासन संभाला और भाई के ही शासन में ही अमीना ज़ाज़ाऊ कैल्वेरी और मिलिट्री में एक बड़ी योद्धा के तौर पर उभरी। अपने दम पर अमीना ने धन और शक्ति अर्जित की थी। उनके भाई करामा का शासन अच्छा चल रहा था लेकिन साल 1576 में उनकी मृत्यु हो गई। करामा ने केवल 10 साल कार्यकाल संभाला और उनकी मौत के बाद अमीना ही एक चेहरा थी जो राज्य की बागडोर संभाल सकती थी ऐसा हुआ भी। अमीना ज़ाज़ाऊ साम्राज्य की नई हाबे के तौर पर नियुक्त हुई तो उन्हें बड़ा लक्ष्य रखा कि वह ज़ाज़ाऊ से जुड़े सभी व्यापार मार्गों का विस्तार करेंगी। अमीना ज़ाज़ाऊ की 24वीं हाबे थीं और अपने कार्यकाल के दौरान अमीने ने अपने साम्राज्य को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया था।
अमीना के पास 20 हजार सैनिकों वाली विशाल सेना थी। उन्होंने अपने व्यापार मार्ग के विस्तार में आने वाले दुश्मनों का विरोध किया। युद्ध में उन्हें हराया और कई जीते हुए शहरों को अपने राज्य में शामिल कर लिया। इसके बाद अमीना ने अपने नाम कई जीत के झंडे गाढ़ दिए। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि उनकी सत्ता से पहले और उनकी सत्ता के बाद भी उनकी बराबरी कोई नहीं कर पाया।
ऐसा कहा जाता है अमीना हमेशा अपने द्वारा हराए राज्य के किसी एक सैनिक को शौहर के रुप में चुनती और उसके साथ एक रात गुजारा करती थी और अगली सुबह होने से पहले उसे मौत के घाट उतार देती थी ताकि वह अमीना की कहानी किसी को न बता सकें। ऐसा भी कहा जाता है कि अमीना ने अपनी शक्ति खोने के डर से ही शादी भी नहीं की थी।
अमीना ने लगभग 34 सालों तक जाजाऊ साम्राज्य पर राज किया। वह इतिहास के बेहतरीन कमांडरों में से एक मानी जाती हैं। महिला होकर उन्होंने खुद को चार दीवारी में कैद नहीं किया बल्कि कई कलाएं सीखीं। यहीं वजह थी कि लोग उनकी मां के बाद अमीना को राज्य की नई रानी के तौर पर देखने लगे थे।
अमीना को ‘वाल्स ऑफ़ अमीना’ ( WALLS OF AMINA) के नाम से भी याद किया जाता है। दरअसल, वह कब्जा किए प्रांतों को दीवारों से घेर दिया करती थीं और छावनियों में तबदील करवा देती थी इससे अमीना के अपने राज्य को सुरक्षा मिलती थी। अमीना द्वारा निर्माण की गई दीवारें आज भी नाइजीरिया में देखने को मिल जाती हैं। 1610 ई. में रानी अमीना की मृत्यु हुई कहा जाता है कि वह नाइजीरिया के बिदा में लड़ते-लड़ते वीर गति को प्राप्त हो गईं थी। आज भी रानी अमीना को उनकी वीरता के लिए याद किया जाता है।
रानी अमीना ने पुरुष वर्चस्व वाले समाज की सोच बदल कर रख दी। आपको इस शूरवीर रानी की कहानी कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में बताना ना भूलें।